किसी का जीवन बचाने के लिए की गई पहल के बाद याददाश्त लौट आई
किसी का जीवन बचाने के लिए की गई पहल के बाद न केवल महिला की याददाश्त लौट आई
बल्कि उसके बिछड़े अपनों का सहारा भी मिल गया। बीते 14 फरवरी को राजस्थान के भरतपुर भेजी गई विक्षिप्त महिला की वहां याददाश्त लौट आई और उसने अपना नाम व पता लखीमपुर का बताया। परिजनों को इत्तला की गई तो माता पिता को बेटी और पति को उसकी पत्नी मिल गई।
शहर में 14 फरवरी को एक मानसिक मंदित महिला मिलने की जानकारी समाजसेवी अनूप अग्रवाल को मिली। इस पर उन्होंने वन स्टाप सेंटर से संपर्क किया। यहां तृप्ति, मृदुल मिश्रा ने पूरी जानकारी दी। तय हुआ कि सामाजिक सरोकार से जुड़े रहने वाले अनूप अग्रवाल महिला को अपना घर आश्रम भरतपुर भेजेंगे। अपना घर आश्रम के जिला समन्यवक अनूप अग्रवाल ने महिला को भरतपुर भेजा।
वहां महिला अपना जीवन व्यतीत कर रही थी। इस बीच कुदरती चमत्कार के बाद उसकी याददाश्त वापस आ गई। उसने वहां अपना नाम सुनंदा और माता लीलावती व पिता दुलार सिंह व पति नरोत्तम निवासी भीरा लखीमपुर खीरी बताया। परिजनों से संपर्क किया गया तो सभी ने राजस्थान के केयर टेकर और यहां समाजसेवा से जुड़े अनूप अग्रवाल का धन्यवाद जताया। सुनंदा का पूरा परिवार भरतपुर पहुंच कर अपनी बेटी को लेकर हंसी खुशी घर के लिए रवाना हुआ। अनूप बताते हैं कि मैं केवल जरिया बना बाकी तो परिवार का मिलन बेहद सुकून देने वाला रहा।