Manish Sisodia Case : मनीष सिसोदिया को रखा गया बुजुर्गों के सेल में, पढ़े पूरी खबर
Manish Sisodia Case: Manish Sisodia was kept in the cell of the elderly, read the full news
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आबकारी मामले में जेल में बंद हैं. दिल्ली की एक अदालत ने 20 मार्च तक के लिए सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेजा है. सिसोदिया को सोमवार (6 मार्च) को तिहाड़ जेल में ले जाया गया, जहां उन्हें जेल नंबर-1 के वार्ड नंबर-9 में रखा गया है.
24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे सिसोदिया
वहीँ दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनीष सिसोदिया को बुजुर्गों की सेल में रखा गया है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे. तिहाड़ जेल सूत्रों ने बताया कि अभी मनीष सिसोदिया के साथ सेल में कोई कैदी नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में उनके साथ एक कैदी रखा जाएगा. मनीष सिसोदिया का जेल पहुंचने के बाद सबसे पहले मेडिकल टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट नॉर्मल आई. इसके बाद वो अपने सेल में चले गए.
कुछ इस तरह किया सिसोदिया ने डिनर
जी हाँ आपको बतादें कि मनीष सिसोदिया को जेल कर्मचारियों ने एक स्पर्श किट दी है. इस किट में दैनिक उपयोग का सभी सामान होता है, जैसे कि टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन और कुछ बर्तन. शाम साढ़े 6 बजे से साढ़े 7 बजे तक तिहाड़ में कैदियों का डिनर टाइम होता है. मनीष सिसोदिया ने इसी टाइम भोषण किया. डिनर में दाल, रोटी, चावल, आलू-मटर की सब्जी थी. सिसोदिया को जेल में 2 कंबल और एक बेडशीट दी गई है.
मनीष सिसोदिया रहेंगे 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में
वहीँ दूसरी ओर सिसोदिया को सोमवार को विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल के समक्ष पेश किया गया था. आप नेता को पूछताछ के लिए पहले पांच दिन और बाद में दो दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंपा गया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अदालत से कहा कि उसे आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सिसोदिया की हिरासत की अब ज़रूरत नहीं है.
आपको बताते चले कि कोर्ट ने सीबीआई और सिसोदिया के वकील की दलील सुनने के बाद 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला दिया. बता दें कि सीबीआई ने 2021-22 की शराब नीति तैयार करने और इसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था हालांकि यह नीति अब रद्द की जा चुकी है.