Maiden Pharma: मेडेन फार्मा के दूसरे सिरप की भी जांच के आदेश, दूसरी कंपनियों के उत्पाद भी रडार पर
Maiden Pharma: मिडिया को स्वास्थ्य मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों की एक टीम गाम्बिया जा सकती है। यह टीम वहां देखेगी कि किस तरह के मरीजों को यह सिरप दिया गया। इसके अलावा दवाईयों के रखने का तरीके से लेकर उनकी क्लिनिकल हिस्ट्री भी जांच के दायरे में होगी...
मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के सिरप से गाम्बिया में कथित तौर पर 66 बच्चों की मौत के मामले में अब राज्यों के ड्रग्स रेगुलेटर भी अलर्ट हो गए हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों के ड्रग्स रेगुलेटर ने ड्रग्स इंस्पेक्टर को कहा है कि मेडेन कंपनी की जो भी सिरप हैं, उसके सैंपल की जांच करें साथ ही दूसरी कंपनियों के सिरप के सैंपल की जांच करें और देखें कि कहीं उसमें एथिलीन ग्लाइकोल और डाई एथिलीन ग्लाइकोल के अलावा दूसरे ऐसे कोई केमिकल्स मौजूद तो नहीं जिसकी इजाजत भारत में नहीं है।
गाम्बिया जा सकती है स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम
मिडिया को स्वास्थ्य मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों की एक टीम गाम्बिया जा सकती है। यह टीम वहां देखेगी कि किस तरह के मरीजों को यह सिरप दिया गया। इसके अलावा दवाईयों के रखने का तरीके से लेकर उनके क्लिनिकल हिस्ट्री भी जांच के दायरे में होगी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की यह टीम जांच नमूनों की रिपोर्ट के आने के बाद गाम्बिया जाएगी। हरियाणा सरकार ने चार तरह के कफ सीरप के नमूनों को जांच के लिए कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) में भेजा गया है। जबकि केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ ने चंडीगढ़ में नमूने जांच के लिए भेजे हैं।
मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस के प्रमाण-पत्र की तारीख खत्म हो गई थी और उसके प्रोडक्ट में ऐसे तत्व पाए गए जिनके भारत में इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। लिहाजा इसकी जांच जरूरी है कि कहीं भारत में मेडेन के दूसरे सिरप में इन दोनों तत्वों का तो इस्तेमाल नहीं हुआ। हालांकि मेडेन कंपनी को इन चारों तरह के सिरप को सिर्फ देश के बाहर निर्यात करने के लिए लाइसेंस दिया गया था। कुछ राज्य सरकारों की ओर से यह भी कहा गया है कि उनके राज्य में जितनी फार्मा कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं, वहां बनने वाले सिरप के सैंपल की जांच करें और बताएं कि कहीं कोई ऐसे तत्व की मिलावट तो नहीं है, जिसके भारत में इस्तेमाल की इजाजत नहीं है।
राज्य जुटे तेजी से कार्रवाई में
इधर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक सहित कई राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन और दवा नियंत्रकों ने मिलावटी कफ सिरप विवाद पर सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। आंध्र प्रदेश ने अलर्ट जारी कर कहा है कि कोई भी उत्पाद, जिसमें पॉलिप्रोपिलीन ग्लाइकॉल मिला होगा, उसकी बिक्री अभी के लिए रोक दी गई है। गुजरात सरकार ने फील्ड अधिकारियों को विशेष रूप से कफ सिरप और लिक्विड फॉर्म्युलेशन की जांच करने के लिए अलर्ट भेजा है जिसमें ग्लिसरीन और प्रोपिलीन ग्लाइकोल जैसे तत्व मिले हुए हैं।
महाराष्ट्र एफडीए ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाए गए सभी लिक्विड फॉर्म्युलेशन को वापस बुला लिया है, जो बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कर्नाटक ने सभी दवा निर्माताओं को ग्लिसरीन और प्रोपिलीन ग्लाइकोल के नमूनों का परीक्षण करने और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही मेडेन फार्मास्युटिकल्स की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही राज्य अपने स्तर पर कार्रवाई में जुट गए।