जोशीमठ की 25 हजार आबादी पर भू-धंसाव संकट, होंगे ये काम
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हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में जोशीमठ में भू धंसाव से उत्पन्न हालात की विस्तृत जानकारी दी और उनसे आपदा राहत के रूप में केंद्रीय सहायता देने का अनुरोध किया।
वहीँ दूसरी ओर गृहमंत्री अमित शाह ने प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन दिया। आगे सीएम शामी ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर बदरीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है। इसका सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्व है। यह शहर पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है।
इतना ही नहीं आगे मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्श के बाद प्रारंभिक रूप से बताया गया कि क्षेत्र में बड़े स्तर पर पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी। इसका अंतिम आकलन तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के बाद प्राप्त होगा।
जानते है जोशीमठ में होने वाले कार्यों के बारे में
आपको बतादें कि तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, प्री फेब्रीकेटेड ट्रांजिट शेल्टर, स्थायी पुनर्वास, नए स्थानों का विकास, आवास निर्माण, मूल सुविधाएं, मसलन स्कूल, कॉलेज, ड्रेनेज, सीवरेज, जोशीमठ का पुनर्निर्माण, विस्तृतक तकनीकी जांच, भूस्खलन की रोकथाम, संपूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाइन की व्यवस्था सभी घरों को सीवर लाइन जोड़ने के कार्य होने हैं।
इन सभी सुविधाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। वहीँ दूसरी ओर उन्होंने बताया कि भू-स्खलन व भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है। लेकिन गत दो जनवरी की रात से भवनों में मोटी दरारें दिखीं। जेपी परियोजना के नीचे 500 एलपीएम की नई धारा फूटने की शिकायत मिली।
इतनी आबादी पर है संकट
आगे उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या 25000 है। पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 हैं। उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें मिल चुकी हैं। अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं। सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरंतर बढ़ रहे हैं।