Trending News

Land For Job: लालू यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मामला कैसे शुरू हुआ, जानिए

Land For Job: How the land-for-job case started against Lalu Yadav, know

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव का परिवार इन दिनों मुश्किलों में घिरता जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लालू और उनके परिवार और अन्य लोगों के खिलाफ ‘नौकरी के लिए जमीन’ लेने के मामले की जांच कर रही है।

इतना ही नहीं आरोप है कि रेलवे की नौकरी के एवज में उम्मीदवारों या उनके रिश्तेदारों से महंगा उपहार या फिर सस्ते दरों पर जमीन लिए गए। इस मामले की जांच दो साल पहले शुरू हुई थी। जांच एजेंसियां लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से पूछताछ कर रही हैं और उनकी संपत्तियों पर छापेमारी कर रही हैं। लालू परिवार ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।

आपको बतादें कि राजद ने पिछले साल कहा था कि बिहार में सरकार बदलने के बाद लालू परिवार को परेशान किया जा रहा है। आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने अपने पुराने सहयोगी भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी से हाथ मिला लिया था। लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने।

कैसे हुआ शुरू पूरा मामला

आपको बताते चले कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में पिछले साल मई में जमानत पर रिहा किए जाने के कुछ हफ्तों बाद उन्हें एक अन्य मामले में विशेष अदालत ने दोषी ठहराया। सीबीआई ने उनके और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ नौकरे के बदले जमीन लेने के आरोप में एक नया मामला दर्ज किया। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, उस समय लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे।

आखिर क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला?

सीबीआई ने आरोप लगाया कि 2004-2009 की अवधि के दौरान लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी देने के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद ट्रांसफर कराए। उम्मीदवारों को आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ही नौकरी दे दी गई। जमीन या पैसे देने के बाद उन्हें नियमित भी कर दिया गया।

इतना ही नहीं आरोप है कि पटना के कई लोगों ने लालू यादव के परिवार की एक प्राइवेट कंपनी को बिहार की राजधानी में अपनी जमीन बेच दी या फिर उपहार में दे दी। आरोप है कि राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर जमीन ट्रांसफर किए गए। सीबीआई ने दावा किया कि इस तरह की नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − 14 =

Back to top button
error: Content is protected !!
E-Paper