कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर लाखों श्रद्धालुओं ने मांडव ऋषि आश्रम गंगा घाट पर किया स्नान।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर लाखों श्रद्धालुओं ने मांडव ऋषि आश्रम गंगा घाट पर किया स्नान।
समर इंडिया।धर्मवीर निगम।
ऊंचागांव।संवाददाता।
बुलंदशहर।
ऊंचागांव। क्षेत्र में स्थित मांडव ऋषि आश्रम गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया और श्रद्धालुओं ने देश में सुख शांति अमन चैन की दुआ मांगी। मांडव ऋषि आश्रम गंगा घाट के किनारे बह रही गंगा की पवित्र धारा में सोमवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं का भारी भीड़ के साथ आना-जाना शुरू हुआ और गंगा में स्नान कर सुख शांति की मन्नत मांगी और मांडव ऋषि आश्रम के समीप लगने वाला कार्तिक मेला का श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया। यहां हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेला का आयोजन किया जाता है। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमा होती है जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है
क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महा भयानक असुर का अंत किया था और वह त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है इस दिन चंद्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय सेवा समिति संतति प्रीति अनुसूया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन तमिलनाडु में अरुणाचल पर्वत की 13 किलोमीटर की परिक्रमा होती है सब पूर्णिमा से सबसे बड़ी परिक्रमा कहलाती है। मांडव ऋषि आश्रम गंगा घाट के किनारे स्थित है जहां प्रत्येक वर्ष एक मेले का आयोजन किया जाता है। यह भूमि एक तपोभूमि के नाम से जानी जाती है यहां बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने और तपस्या की है यह क्षेत्र दूर-दूर तक प्रसिद्ध है मानव ऋषि आश्रम काफी दूर-दूर तक प्रसिद्ध है यहां मांडव ऋषि के दर्शन करने के लिए बड़ी दूर दूर से लोग यहां आते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं जहां उनकी मन्नत पूर्ण होती हैं।