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पीएम मोदी ने क्या कहा ‘मन की बात’ कार्यक्रम में, जानिए

Know what PM Modi said in 'Mann Ki Baat' program

जी हाँ जैसा की पूरा देश जनता है कि पीएम मोदी हमेशा ही मन की बात कार्यक्रम में कुछ न कुछ मन की बात करते ही है आपको बतादे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘मन की बात’ के 99वें संस्करण को संबोधित कर रहे हैं। यह इस साल का तीसरा ‘मन की बात’ कार्यक्रम है। पीएम मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, “आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के इस युग में ऑर्गन डोनेशन किसी को जीवन प्रदान करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन बन गया है।

 

एक व्यक्ति इतने लोगो को दे सकता है नया जीवन

आपको बताते चले कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संतोष की बात है कि आज देश में अंगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। 2013 में हमारे देश में अंगदान के मामले पांच हजार से भी कम थे पर 2022 में यह संख्या बढ़कर 15 हजार से अधिक हो गई है। पीएम ने कहा कि जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो उससे 8 से 9 लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है। आज देश में ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है।

 

इंतजार का एक-एक पल काटना होता है मुश्किल

उन्होंने बोलते हुए आगे कहा अंगदान के पीछे सबसे बड़ी भावना यही होती है कि जाते समय भी किसी की जान बचाई जाए। जो लोग अंगदान का इंतजार करते हैं, वे जानते हैं कि इंतजार का एक-एक पल काटना कितना मुश्किल होता है। पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम आजादी का अमृत काल मना रहे हैं, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ते हुए, मैं भी मन की बात के 100वें एपिसोड के बारे में आपके सुझाव और विचार जानने के लिए बहुत उत्सुक हूं।

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किसी भी राज्य में जाकर अंग प्राप्त करने की सुविधा

‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा राज्यों के अधिवास की शर्त को भी हटाने का फैसला किया गया है, यानी अब मरीज देश के किसी भी राज्य में जाकर अंग प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करा सकेगा। सरकार ने अंगदान के लिए 65 साल से कम उम्र की उम्र सीमा को भी खत्म करने का फैसला किया है। इन प्रयासों के बीच मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि अधिक से अधिक संख्या में अंगदान करने के लिए आगे आएं.

 

प्रधानमंत्री ने देश की नारी शक्ति का किया जिक्र

पीएम ने कहा कि आज भारत की जो क्षमता एक नए दृष्टिकोण से उभर रही है, उसमें हमारी नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। हाल ही में ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने आए हैं। एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव को तो आपने सोशल मीडिया पर देखा ही होगा। एक और रिकॉर्ड कायम करते हुए सुरेखा जी वंदे भारत एक्सप्रेस की भी पहली महिला लोको पायलट बन गई हैं। इसी महीने, निर्माता गुनीत मोंगा और निर्देशक कार्तिकी गोंजाल्विस ने अपनी फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के लिए ऑस्कर जीतकर देश का नाम रोशन किया। नागालैंड में 75 साल में पहली बार दो महिला विधायक अपनी जीत के साथ विधानसभा पहुंची हैं।

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