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(ककराला बवाल) पुलिस टीम पर हमला करने बाले आरोपियों पर रासुका की कार्यवाई के साथ ही उनकी संपत्ति का जुटाया जा रहा विवरण

(ककराला बवाल) पुलिस टीम पर हमला करने बाले आरोपियों पर रासुका की कार्यवाई के साथ ही उनकी संपत्ति का जुटाया जा रहा विवरण

पूर्व विधायक के तीन बेटे भी पुलिस कार्यवाई से बचते फिर रहे है,तलाश जारी
जयकिशन सैनी (समर इंडिया)

बदायूं। ककराला में बवाल करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अब आरोपियों की संपत्ति का विवरण जुटाया जा रहा है। अगर आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए और न ही सरेंडर किया तो पुलिस उनकी संपत्ति कुर्क करेगी। अलापुर थाना क्षेत्र के कस्बा ककराला में पुलिस टीम पर हमला करने वाले 36 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है, जबकि करीब तीन सौ आरोपी पकड़े जाने हैं। थाना पुलिस उनकी तलाश कर रही है। पुलिस टीम पर हमला करने वालों की संख्या करीब तीन-चार सौ थी। जो आरोपी फरार चल रहे हैं वह खुद को बचाने की कोशिश में लगे हैं। हालांकि पुलिस उनके आरोप पुष्ट करने के लिए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और अन्य वीडियो सुबूत के तौर पर एकत्र कर चुकी है। अब पुलिस ने रासुका की कार्रवाई के साथ-साथ उनकी संपत्ति का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। इनमें कई आरोपी ऐसे हैं, जिनके पास काफी संपत्ति है। उन पर कई मामले दर्ज हैं। थाना पुलिस उनकी सभी चल अचल संपत्ति का विवरण जुटाने में लगी है। अगर आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं और न ही बस सरेंडर करते हैं तो पुलिस उनकी संपत्ति कुर्क करेगी।

नजमुल की संपत्ति भी हो चुकी है कुर्क ककराला निवासी नजमुल वर्ष 2019 में एक डोडा तस्करी के मामले में जेल गया था। थाना पुलिस ने उसके अब्दुल्ला डिग्री कॉलेज से भारी मात्रा में डोडा बरामद होना दिखाया था। इसमें तीन आरोपी मौके से पकड़े गए थे, जबकि नजमुल न्यायालय में सरेंडर हुआ था। बाद में पुलिस ने उसकी संपत्ति जब्त की थी। शहर में घंटाघर स्थित उसकी संपत्ति पर बुलडोजर भी चल चुका है।

पूर्व विधायक के तीन बेटे भी बचते फिर रहे पुलिस से :- ककराला के इस बवाल में पूर्व विधायक मुस्लिम खां के तीन बेटे उवैस, आमिर और अजमल भी पुलिस की सूची में हैं। जबकि डोडा तस्करी में पकड़े जा चुके नजमुल व उसका चचेरा भाई अमजद मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर नामजद है। सभी आरोपी खुद को बचाने के लिए धनबल से लेकर राजनीतिक रसूखों का जमकर प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन इस मामले में स्थानीय पुलिस उन्हें रियायत देने के मूड में बिल्कुल नजर नहीं आ रही। बताते हैं कि ये लोग अब लखनऊ में बैठे अपने आकाओं से भी संपर्क साध रहे हैं।

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