Uttarakhand

Joshimath Sinking: जोशीमठ शहर इतने भवन किये जाएंगे ध्वस्त, किराय पर रह रहे लोगो को भी सहायता

Joshimath Sinking: So many buildings will be demolished in Joshimath city, help will also be given to people living on rent

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि जोशीमठ शहर में दारार वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को 14 और भवन इस सूची में जुड़ गए। कुल दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है। वहीं 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है।

इतना ही नहीं सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि घर खाली करने के बाद सामान ढुलाई में उनको मदद पहुंचाई जा सके। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि उन्होंने कहा कि अब तक प्रभावित आठ किरायेदारों को 50 हजार रुपये प्रति परिवार के हिसाब से चार लाख रुपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में दी गई है।

वहीँ दूसरी ओर सरकार की मानें तो ध्वस्त किए जाने वाले भवनों की संख्या और बढ़ सकती है। सीबीआरआई की ओर से सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद इनकी सूची जारी की जाएगी। शुक्रवार को हुई बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है। एक दिन पहले यहा 150 एलपीएम रिसाव हो रहा था जो शुक्रवार को 250 एलपीएम दर्ज किया गया।

आपको बताते चले कि सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवतः बारिश के कारण रिसाव बढ़ गया है। लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में जोशीमठ पर डेली ब्रीफिंग में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के बाद आपदा राहत कार्यों में व्यवधान पड़ा।

उन्होंने कहा कि अभी तक 20 के करीब भवनों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनकी संख्या और बढ़ सकती है। कुछ लोग अब खुद से आगे आकर अपने निजी भवनों को तोड़ने का अनुरोध जिला प्रशासन से कर रहे हैं।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि मौसम के बदले रूख को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राहत शिविरों में सभी कमरों में हीटर और बाहर अलाव की व्यवस्था कर दी गई है।

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