जहाँ एक तरफ जोशीमठ संकट से झूझ रहा है लगातार लोग डर रहे है तो वही इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आ रही है आपको बताते चले कि शहर में पिछले तीन दिनों से घरों और दुकानों में कोई भी दरारें नहीं बढ़ी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जोशीमठ के क्षतिग्रस्त घरों में स्थापित क्रैक मीटरों में पिछले तीन दिनों में दरारें और चौड़ी नहीं हुई हैं.
वहीँ ओर उन्होंने बताया कि जेपी कॉलोनी के पास एक भूमिगत चैनल से पानी का डिस्चार्ज फिर से बढ़कर 150 लीटर प्रति मिनट हो गया है. वहीं उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि कम से कम 20 साल से डूब रहे जोशीमठ में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की अनुमति कैसे दी गई.
इतनी है दरार पड़ने वाले घरों की संख्या
आपको बतादें कि जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके में जेपी कॉलोनी के पास दो जनवरी को भूमिगत नाला फटने के बाद से लगातार पानी बह रहा है.आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कहा, नाम मात्र के स्तर पर यह फिर से बढ़ गया है क्योंकि शुरुआत में यह 540 एलपीएम पर बह रहा था.
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को यह घटकर 100 एलपीएम रह गया था. एलपीएम की बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन पिछले तीन दिनों में इमारतों में दरारों का और चौड़ा नहीं होना एक पॉजिटिव संकेत है. जोशीमठ में दरार पड़ने वाले घरों की संख्या 849 है. 259 प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया है.
वहीँ दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में किए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि कस्बे में किए जाने वाले आपदा प्रबंधन उपायों के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. धामी ने कहा कि दूसरे स्थान से लाकर बसाए गए लोगों को राज्य सरकार की बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।