उत्तर प्रदेश

जर्जर भवनों में बच्चों को बैठाया तो खै़र नहीं : डीएम

जर्जर भवनों में बच्चों को बैठाया तो खै़र नहीं : डीएम

जयकिशन सैनी (ब्यूरो चीफ)

बदायूँ। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में मुख्य विकास अधिकारी ऋषि राज एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ कायाकल्प के तहत विद्यालयों को संतृप्त करने तथा विद्यालयों के जर्जर भवनों को मरम्मत नीलामी एवं ध्वस्तीकरण करने के संबंध में सोमवार को बैठक आयोजित की। डीएम ने बीएसए को कड़े निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित करने की किसी जर्जर भवन में शिक्षण कार्य नहीं होना चाहिए। कहीं छत से पानी टपक रहा है। तो उसके नीचे बच्चों को ना बैठाया जाए।858बैठक में डीएम ने निर्देश दिए कि कायाकल्प योजना के तहत सभी पैरामीटर्स पर कार्य किया जाए कार्य की गुणवत्ता मानक अनुसार हो। कार में शिथिलता पाए जाने पर डीएम ने खंड विकास अधिकारी उझानी एवं एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं। समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि ब्लॉक के 5-5 अच्छा कार्य करने वाले अध्यापक या प्रधानाचार्य का प्रजेंटेशन बनाया जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि जनपद में कुल 134 विद्यालय जर्जर अवस्था में है, जिनमें 37 विद्यालयों की नीलामी की तिथि निर्धारित की गईं हैं, 22 विद्यालयों का ध्वस्तिकरण हो चुका है तथा 75 विद्यालय अभी बचे हुए हैं, जहां अभियंताओं द्वारा जांच नहीं की गई है।  डीएम ने निर्देश दिए कि नीलामी के लिए जो तिथि निर्धारित की गई हैं उन पर समय से कार्रवाई की जाए। शेष बचे 75 विद्यालयों की जांच विलम्व होने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंताओं को स्वयं ले जाकर जांच कराएं, उसके उपरांत रिपोर्ट के आधार पर मरम्मत, नीलामी एवं ध्वस्तिकरण या जिस योग्य हो उसकी कार्रवाई की जाए।

 

 

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