Uttar Pradesh

वजीरगंज में नेताओं के दखल से नहीं टूटीं अवैध दुकानें, मुख्यमंत्री से की शिकायत 

वजीरगंज के खेल मैदान पर बनीं दुकानें नेताओं की दखलंदाजी की वजह से टूटते-टूटते रह गईं-

वजीरगंज में नेताओं के दखल से नहीं टूटीं अवैध दुकानें, मुख्यमंत्री से की शिकायत

बदायूं। वजीरगंज के खेल मैदान पर बनीं दुकानें नेताओं की दखलंदाजी की वजह से टूटते-टूटते रह गईं। तहसील बिसौली के अधिकारियों ने तो इन्हें ध्वस्त करने के आदेश दे दिए थे लेकिन कब्जेदारों को संरक्षण देने वाले नेताओं के दबाव में अधिकारी नतमस्तक हो गए। जांच के नाम पर पूरे मामले को दबा दिया गया। अब फिर मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है।

नगर पंचायत वजीरगंज के गाटा संख्या 294 (खेल मैदान) पर कब्जेदारों ने 22 दुकानों का निर्माण करके उन्हें करीब ढाई तीन साल पहले बेच दिया था। जांच के बाद यह अतिक्रमण निकला, इसके बाद जिला प्रशासन ने इन्हें ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। लगभग तीन साल पहले इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई लेकिन इनका निर्माण करने वाला राहुल वार्ष्णेय अपने राजनीतिक आकाओं के पास पहुंच गया। इसके बाद दुकानों को बचाने की भूमिका तैयार करते हुए कुछ समय देने और शासन को लिखे जाने का पेंच फंसा दिया गया। इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया। कुछ समय पहले एक बार फिर शासन की सख्ती के बाद यह मामला उठा। इसके बाद राहुल वार्ष्णेय पर जमीन कब्जाने के ताबड़तोड़ मामले दर्ज कराते हुए उसे भूमाफिया घोषित कर दिया गया, जिसमें उसके अलावा अन्य लोगों पर चार्जशीट भी लगा दी गई।
मामले की जांच तत्कालीन एडीएम प्रशासन ऋतु पूनिया पर थी। तत्कालीन एसडीएम बिसौली ज्योति शर्मा ने भी इस भूमि पर किए गए अतिक्रमण ध्वस्त करने के आदेश दिए, लेकिन भूमाफिया को राजनीतिक संरक्षण देने वालों के दबाव में आकर उनसे जांच हटवाकर तत्कालीन एडीएम एफआर संतोष कुमार वैश्य को दे दी गई, लेकिन समय के साथ जांच दबा दी गई।

अब एक बार फिर इस मामले का जिन्न निकल आया है। बिसौली निवासी मनोज सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस मामले की जांच कराने तथा अवैध निर्माण ध्वस्त कराने की मांग की है।
भूमाफिया समेत 20 लोगों पर दर्ज किए गए मुकदमे:- वजीरगंज थाने में राहुल वार्ष्णेय समेत 20 लोगों के खिलाफ आठ मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इनमें से चार मामलों में अकेले राहुल को नामजद किया गया था। अन्य मामलों में उसके समेत शैलेष, विमलेश, विकास, संजीव, मुजम्मिल, सौरभ मिनोचा, मुरली मनोहर गुप्ता, रिंकू, सुनील, लल्ला, कपिल, सागर, कुलदीप, विनय, अमित, नीरज, भानु, सन्नी और पवन किशोर को नामजद किया गया था। बताते हैं कि इन लोगों ने रामलीला मैदान के अलावा कई जमीनों पर कब्जा करके उन्हें बेच दिया था।

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