उसावां थाना क्षेत्र में बंदरों को नशा देकर व अंधा करके निर्ममता से मारा गया था। पुलिस हर पहलू पर कर रही जांच।
उसावां थाना क्षेत्र में बंदरों को नशा देकर व अंधा करके निर्ममता से मारा गया था। पुलिस हर पहलू पर कर रही जांच।
सभी बंदरों के हाथ-पैर बंधे हुए थे। उनके शरीर पर करंट जैसे निशान मौजूद थे। बंदर का एक बच्चा ही जीवित मिला।
किसी अज्ञात वाहन से लाकर डाले गए थे बंदरों के शव, ग्रामिणों मे पनप रहा रोष।
जयकिशन सैनी।
बदायूं। उसावां थाना क्षेत्र के गांव गूरा बरेला में बंदरों को नशा देकर व अंधा करके निर्ममता से मारा गया था। मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात साफ हो गई। पुलिस और वन विभाग मामले में अलग-अलग जांच कर रहे हैं। पुलिस अपने बचाव में अनुमान लगा रही है कि बंदरों को बाहर कहीं मारकर यहां डाला गया था। हालांकि किस वाहन से उन्हें लाया गया, और कहां किसने मारा, इसका पता नहीं लगा है।
सोमवार को गूरा बरेला-करौरी सैदपुर रोड किनारे सात बंदरों के शव मिले थे। सभी बंदरों के हाथ-पैर बंधे हुए थे। उनके शरीर पर करंट जैसे निशान मौजूद थे। बंदर का एक बच्चा ही जीवित मिला था। दोपहर के समय खेतों की ओर जा रहे ग्रामीणों ने शव देखे तो पुलिस और वन विभाग को सूचना दी गई। पुलिस ने वन दरोगा हुकुम सिंह की ओर से अज्ञात के खिलाफ एफआईआर कर ली। बताते हैं कि पुलिस बंदरों को लाने वाले वाहन का पता करने के साथ ही मारने वालों के बारे में पता कर रही है। बताया जा रहा है कि गूरा के अलावा पड़ोसी गांव करौरी सैदपुर और नगरिया अभय में काफी बंदर हैं। एसओ महेंद्र सिंह ने कहा है कि बंदरों को मारने वालों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इधर, पोस्टमार्टम के बाद बंदरों के शव दफन कर दिए गए। मंगलवार को पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वीके राठौर ने पोस्टमार्टम किया। इससे साफ हो गया कि बंदरों को नशा दिया गया। उनको अंधा करने के लिए आंखों में जला हुआ इंजन ऑयल भी डाला गया और बुरी तरह पीटा गया। बंदरों के शरीर पर चोट के निशानों के साथ हड्डियां भी टूटी हैं। गूरा बरेला पहुंची वन टीम को गांव के लोगों ने बताया कि पास के गांव करौरी सैदपुर में कई दिनों से बंदरों को कुछ लोग घेर रहे हैं। ऐसे में संभव है कि करौरी में ही बंदरों की हत्या करने के बाद शव यहां फेंके गए हैं। वन दरोगा हुकुम सिंह ने बताया बंदरों को मारने के मामले में पुलिस कार्रवाई करेगी।