अत्यंत दुखदउत्तर प्रदेश

नगर एंव देहात क्षेत्रों मे लम्पी वायरस से पीडित गोवंशीय पशु हो रहे मौंत का शिकार, प्रशासन बेखबर

नगर एंव देहात क्षेत्रों मे लम्पी वायरस से पीडित गोवंशीय पशु हो रहे मौंत का शिकार, प्रशासन बेखबर

वही प्रशासन की अनदेखी के चलते ग्राम फतनपुर टप्पा हबेली मे बीँमार गाय ने तडप-तडप कर तोडा दम, प्रधान की दबंगई के आगे नमस्तक हुए प्रशासनिक अधिकारी

जयकिशन सैनी (ब्यूरो चीफ)

सहसवान। नगर एंव देहात क्षेत्रों मे लम्पी वायरस पशुओं मे तेजी से फैल रहा है। जहां एक और गोवंश पशुओं को मौंत का सामना करना पड रहा है। वही इस गम्भीर बीमारी से गोवंश पशु दर-दर भटक रहे है। वही शासन से आए हुए आदेश भी अव दम तोडते नजर आ रहे है। एक और जहां प्रशासनिक अधिकारी अंजाम बने हुए है। इसी अंजाम के कारण गोवंश पशुओं को सही से उपचार न मिलने के कारण उन्हे मौंत के मुँह मे समाना पड रहा है।ज्ञात रहे नगर एंव देहात क्षेत्रों मे लम्पी वायरस फैल जाने से पशु ही नही पशु पालकों मे ये डर बना हुआ है। कि कही ये बीमारी पशुओं मे गम्भीर रूप न ले ले। वही इस बीमारी को रोकने के उद्देश्य से पशुओं का टीकाकरण व समय से उपचार करने के आदेश भी मिल चुके है। परन्तु स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की इस हठधर्मिता को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे प्रशासनिक अधिकारियों द्धारा इस गम्भीर बीमारी से पशुओं की लगातार हो रही मौंत को लेकर उनके उपर कोई जूं नही रेंग रही।

ऐसे ही एक नया मामला सामने आया है। सहसवान तहसील क्षेत्र के ग्राम फतनपुर टप्पा हबेली मे पिछले कई दिनों से लम्पी बीमारी से ग्रस्त गाय ने गम्भीर बीमारी से ग्रस्त होने के उपरांत तडप-तडप कर दम तोड दिया। वही एक और जहां ग्राम प्रधान द्धारा बीमार गाय की देखरेख हेतु कोई चिक्तिसीय उपचार भी नही कराया गया है। जहां एक और बीमार गाय को प्रधान द्धारा जेसीबी के माध्यम एक खेत मे लावारिस हालातों मे फैंक दिया गया देर रात्रि बीमार गाय ने दम तोड दिया वही ग्रामिणों ने एक दूसरे के सहयोग से गाय को खेत मे ही दफन कर दिया। बीमर गाय की तडप-तडप कर मौंत हो जाने का कारण जब ग्रामिणों द्धारा पूछ्ताछ की गई तो सामने आया की पशु-चिक्तिसक को कई बार फोन करके भी अवग्त करया परन्तु कोई भी चिक्तिसक मौके पर नही पहुंचा वही जब गाय का उपचार कराने के लिए प्रधान से कहा तो वह आग बबूला हो गया और ग्रामिणों से कहने लगा कि ये मेरा काम नही गाय जैसी पडी है बैसी ही पडी रहेगी। आए दिन गोवंश पशुओं की हो रही मौंत को लेकर ग्रामिणों मे आक्रोश की भावना बनी हुई है। वही जब इस बारे मे उच्च अधिकारियों से बात की गई तो नतीजा विफल रहा है।

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