यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मददगार है होम्योपैथी उपचार, जानिये क्या कहते हैं एक्सपर्ट:- डाक्टर अमोल गुप्ता
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मददगार है होम्योपैथी उपचार, जानिये क्या कहते हैं एक्सपर्ट:- डाक्टर अमोल गुप्ता
जयकिशन सैनी
सहसवान। यूरिक एसिड बढ़ने का पता आप ब्लड टेस्ट के माध्यम से लगा सकते हैं। और उसका उपचार कर सकते हैं। हेल्दी रहने का सबसे आसान फंडा है हेल्दी डाइट। हेल्दी डाइट ना सिर्फ बॉडी को हेल्दी रखती है, बल्कि बॉडी के लिए जरूरी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, फैटी एसिड और खनिज की कमी को भी पूरा करती है। खराब लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की वजह से लोगों को यूरिक एसिड की बीमारी ज्यादा परेशान करने लगती है। यूरिक एसिड एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से हड्डियों में दर्द का सामना करना पड़ता है। इस अनचाहे दर्द का कारण डाइट में प्यूरिन की मात्रा का ज्यादा मौजूद होना है। ज्यादातर मामलों में यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाता है| लेकिन जब ये नहीं निकलता तो ये जोड़ों में जमने लगता है और यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड बढ़ने से घुटनों में दर्द, उठने-बैठने में तकलीफ, गठिया और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है। वैसे तो यूरिक एसिड को डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन कुछ मामलों में स्थिति गंभीर होने लगती है और दर्द असहनीय होने लगता है। ऐसे में दर्द से छुटकारा पाने के लिए इस बीमारी का उपचार करना जरूरी है। यूरिक एसिड का एलोपैथिक उपचार करने पर दवा के साइड इफेक्ट होने का खतरा रहता है। यदि आपका शरीर बहुत अधिक यूरिक एसिड का उत्पादन कर रहा है तो आप ब्लड टेस्ट के माध्यम से शरीर में यूरिक एसिड के उच्च स्तर का पता लगा सकते हैं और उसका उपचार कर सकते हैं। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए होम्योपैथी में असरदार दवाईयां मौजूद हैं जो तेजी से यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकती हैं। आइए होम्योपैथी के डॉक्टर अमोल गुप्ता से जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण क्या है और किन दवाओं के माध्यम से हम यूरिक एसिड को असरदार तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं। यूरिक एसिड लक्षण: हाथ-पैरों में जलन, उंगलियों में असहनीय दर्द, जोड़ों में दर्द, अकड़न और जलन की समस्या की समस्या होना। सीने में जलन और खाना खाने में तकलीफ होना, सूजन, हड्डियों में दर्द, पेशाब करने में दिक्कत होना शामिल है।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल।
बरबेरिस वल्गरिस क्यू: ये दवाई आपके यूरिक एसिड के स्तर को तेजी से कंट्रोल करेगी। इस दवा का इस्तेमाल किडनी स्टोन होने पर भी असरदार है। इसका सेवन करने से कब्ज से निजात मिलेगी। ये दवा गॉलब्लेडर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। ये दवाई गठिया के मरीजों को दर्द से निजात दिलाने में बेहद असरदार है। स्किन के रोगों का उपचार करने में भी असरदार है।
अर्टिका यूरेन्स क्यू: ये एक ऐसी दवाई है जो यूरिक एसिड बढ़ने पर उसे कंट्रोल करती है। ब्लड पर इस दवा का चमत्कारी असर होता है। गठिया के दर्द को दूर करने के लिए बेहद असरदार है ये दवाई। बॉडी में स्टोन ज्यादा बनता है तो इस दवाई का इस्तेमाल करें आपको फायदा पहुंचेगा। इस दवा का सेवन आप आधा कप पानी में दवा की 20 बूंदें डालकर कर सकते हैं।
कोलचिकम 30: यूरिक एसिड बढ़ने पर अगर आपके पैर के अंगूठे में दर्द बढ़ गया है तो इस दवा का इस्तेमाल करें दर्द से राहत मिलेगी। आधा कप पानी में बीस बूंदे डालकर दिन में तीन बार उसका सेवन करने से राहत मिलेगी। ये दवाई गठिया के दर्द से छुटकारा दिलाने में बेहद असरदार है। इस दवा का सेवन करने से गठिया के दर्द से छुटकारा मिलता है, साथ ही सूजन भी कम होती है।
लाइकोपोडियम 30: ये दवाई अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जानी जाती है। इस दवा का सेवन करने से मसल्स की अकड़न दूर होती है, साथ ही यूरीन में जमा होने वाले क्रिस्टल भी दूर होते है। इसका इस्तेमाल करने से जोड़ों में बनने वाली गांठों से भी निजात मिलती है। ये दवाई सप्ताह में दो बार लेने से दर्द से छुटकारा दिलाता है। यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से अगर एड़ी में दर्द होता है तो आप इस दवा का इस्तेमाल हफ्ते में दो बार करके दर्द से निजात पा सकते हैं।