नगर के सर्वाधिक हज करने वाले वयोवृद्ध हाजी मुर्तजा अली का हुआ इंतकाल, जनाजे में उमड़ा हुजूम पैतृक कब्रिस्तान में किए गए सुपुर्द ए खाक

नगर के सर्वाधिक हज करने वाले वयोवृद्ध हाजी मुर्तजा अली का हुआ इंतकाल, जनाजे में उमड़ा हुजूम पैतृक कब्रिस्तान में किए गए सुपुर्द ए खाक
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान। नगर के मौहल्ला चाहशीरी निवासी 103 वर्षीय हाजी मुर्तजा अली का मंगलवार की दोपहर अपने पैतृक आवास पर इंतकाल हो गया उन्होंने अपने जीवन काल में 11 बार हज किया। तथा एक बार उन्हें उमरा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके निधन की खबर मिलते ही भारी तादाद में उनके चाहने वालों का हुजूम उनके आवास पर पहुंचकर गम में शामिल हुए उनके शव को डार्लिंग रोड चौराहा पर स्थित पैतृक कब्रिस्तान में बुधवार की सुबह नमाजे जनाजा के उपरांत सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
नगर के मोहल्ला चाहशीरी निवासी हाजी मुर्तजा अली ने लगभग 7 दशक पूर्व पानी के जहाज से पहली बार हज की यात्रा पर गए थे जिसके उपरांत वह एक-एक करके 11 बार हज करने गए उन्होंने एक बार उमरा भी किया हज में वह अपनी पत्नी को भी एक बार साथ ले गए नगर सहसवान के एकमात्र हाजी मुर्तुजा अली ऐसे शख्स हैं। जो उन्हें 11 बार हज करने का हक हासिल हुआ थाI
हाजी मुर्तजा अली खुश्दिल नेक इंसान थे लोग अक्सर उनसे पानी के जहाज द्धारा हज की की गई यात्राओं का वृतांत सुनते हुए नहीं थकते थे लोग जब उनसे मिलते थे तो पानी के जहाज की हज यात्रा का वृतांत जरूर सुनते थे हाजी जी से जो भी कोई मिलता उनका मुरीद हो जाता था हाजी जी 103 वर्ष की आयु होने के बावजूद वह छोटी साइकिल चलाते हुए अपने घरेलू कार्यों को निपटाते थे 103 वर्ष की आयु में साइकिल चलाते हुए लोग उन्हें एक बार टकटकी लगाकर अवश्य देखा करते थेI
हाजी मुर्तजा अली के निधन की खबर मिलते ही उनके शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गई भारी तादाद में लोग उनके आवास पर पहुंचकर शोक में शामिल हुए तथा तड़के सुबह मंगलवार को डार्लिंग रोड पैतृक कब्रिस्तान को जाने वाली जनाजे में शामिल हुए उन्हें उनके पैतृक कब्रिस्तान में सैकड़ों नम आंखों के बीच सुपुर्द ए खाक कर दिया गयाl