पुलिस ने 3 माह पूर्व बकरी की हत्या के मामले को गंभीरता से लिया होता तो श्रीपाल को आत्मघाती कदम उठाने के लिए बाध्य न होना पड़ता
पुलिस की कार्यप्रणाली में झोल ही झोल
पुलिस ने 3 माह पूर्व बकरी की हत्या के मामले को गंभीरता से लिया होता तो श्रीपाल को आत्मघाती कदम उठाने के लिए बाध्य न होना पड़ता, पुलिस की कार्यप्रणाली में झोल ही झोल
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान। पुलिस प्रताड़ना से परेशान ड्राइवर द्धारा थाना कोतवाली सहसवान में अपने ऊपर डीजल छिड़ककर आग लगाकर आत्महत्या करने के प्रयास के मामले में झोल ही झोल दिखाई दे रही है। काश: पुलिस न ढाई माह पूर्व बकरी की हत्या करने के मामले को गंभीरता से ले लिया होता तो न दोनों पक्षों में तनाव होता ना पुलिस को जमीयत उठानी पड़ती और तो और पीड़ित ड्राइवर द्वारा थाना कोतवाली परिसर में अपने ऊपर डीजल छिड़ककर आत्महत्या करने जैसा घातक निर्णय उठाना नहीं पड़ताIज्ञात रहे थाना कोतवाली सहसवान के ग्राम केसों मड़ैया निवासी नेत्रहीन झम्मन के पुत्र वीरपाल की 25 नवंबर वर्ष 2022 को बकरी की निर्मम की गई हत्या मामले की अभियुक्तों के विरुद्ध दी गई तहरीर पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं थी जिससे कुपित आरोपी महेश पुत्र झम्मन दुर्गेश राजवीर जोगेंद्र पुत्रण महेश विक्रम पुत्र जगदीश कश्मीरा पत्नी विक्रम पृथ्वीराज पुत्र जगदीश आदि ने 10 जनवरी को शिवराज के घर में घुसकर वीरपाल इत्यादि को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया जिसमें बीरपाल गंभीर रूप से घायल हो गया वीरपाल ने थाना कोतवाली पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर उपरोक्त अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की परंतु पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने मामले को झूठा करार देना प्रारंभ कर दिया तथा वीरपाल इत्यादि के विरुद्ध थाना कोतवाली में आरोप है दांत तोड़ देने का एक झूठा मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने समझौता कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया परंतु शिवराज परिवार समझौता नहीं करना चाहता थाI
पुलिस ने शिवराज के पांचों पुत्रों को एक-एक कर मारपीट करते हुए शांति भंग करने के आरोप में मुचलको में पाबंद तो करा दिया परंतु महेश पक्ष के एकमात्र दुर्गेश पुत्र महेश काही शांति भंग करने के आरोप में मुचलको में पाबंद कराया काश पुलिस ने पूर्व में ही महेश पक्ष के लोगों को मुचलको में पाबंद कराने के साथ ही 25 नवंबर को वीरपाल की बकरी की निर्मम हत्या मामले को गंभीरता से लिया होता तो शायद थाना कोतवाली में वीरपाल के भाई ड्राइवर श्रीपाल को आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम न उठाना पड़ता पीड़ित वीरपाल कुंवर पाल भाइयों का आरोप है महेश पक्ष के द्वारा बीते 3 महीना से जो प्रताड़ित किया जा रहा था और थाना कोतवाली पुलिस द्धारा हमें न्याय न देकर प्रतिवादी अभियुक्तों को पुलिस का खुला संरक्षण मिलने के कारण अभियुक्तगणों के हौसले बुलंद थे। इसमें महेश का 1 पुत्र जोगिंदर जनपद अलीगढ़ की पुलिस लाइन में इलेक्ट्रीशियन के पद पर संविदा कर्मी है। जो खलनायक की भूमिका अदा कर रहा है उसने थाना कोतवाली पुलिस से अलीगढ़ जनपद के पुलिस अधिकारियों से थाना कोतवाली पुलिस पर दबाव बनाते हुए हमें प्रताड़ित किया जा रहा है।दोनों भाइयों ने थाना कोतवाली पुलिस पर खुला आरोप लगाया कि हम पांचों भाइयों को पुलिस ने थाना कोतवाली में एक-एक करके बुला कर मारपीट ही नहीं की बल्कि जमकर धन उगाही भी की और न्याय के नाम पर हमको ठेंगा दिखाया उन्होंने कहा कि हमने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की परंतु न्याय नहीं मिला। काश: न्याय मिल जाता तो भाई श्रीपाल को थाना कोतवाली परिसर में आत्मघाती कदम न उठाना पड़ताI