उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों का कराएं निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों का कराएं निस्तारण

बदायूँ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मौ0 साजिद-प्रथम ने जानकारी देते हुए कहा कि बदायूँ 10 अगस्त राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ॰प्र॰ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बदायूं के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बदायूँ द्वारा दिनांक 12 नवम्बर को जनपद-बदायूँ में समय पूर्वान्ह् 10 बजे से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ की अध्यक्षता में किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश के अनुपालन में श्री राजकुमार-तृतीय, नोडल अधिकारी (लोक अदालत) एवं विधिक जागरूकता/न्यायिक प्रबंधन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, बदायूँ द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में समस्त न्यायिक मजिस्टेªटगण के फौजदारी वाद, शमनीय वाद, चैक बांउस से संबंधित धारा 138 एन0आई0एक्ट के वाद, लघु वाद, सिविल वाद व अन्य प्रकार के वाद निस्तारण हेतु बैठक आज दिनांक-31 अक्टूबर को आहूत की गयी।
राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेष के अनुपालन में श्री राज कुमार तृतीय, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं एवं श्री मौ0 साजिद-प्रथम सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटीगेशन विवादों के निस्तारण हेतु समस्त बैंक, भारत दूरसंचार एवं प्रशासनिक अधिकारियों तथा विद्युत अधिनियम की बैठक आज दिनांक-31 अक्टूबर को ली गयी। बैठक में, कोविड-19 से सम्बन्धित माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुए, प्री-लिटीगेशन विवादों को अधिकाधिक निस्तारित किये जाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
बैठक में उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारीगणों को निर्देशित किया गया कि वे कोविड-19 से सम्बन्धित माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्धारा जारी दिशा-निर्देशों के दृष्टिगत लोक अदालत में जनसामान्य को सूचित कर अधिकाधिक संख्या में प्री-लिटीगेशन विवादों को नियत कर आपसी समझौते के आधार पर निस्तारण कराने का यथासम्भव प्रयास करें।

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