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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने 79 की उम्र में ली आखिरी सांस

Former Pakistan President Musharraf breathed his last at the age of 79

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। वे 79 साल के थे। मुशर्रफ लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। दुबई के अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था। परवेज मुशर्रफ 20 जून 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे।

आपको बताते चले कि मई 2016 में पाकिस्‍तान की कोर्ट ने देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया था। जिसके बाद वे दुबई चले गए थे। मुशर्रफ कई महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उनके परिवार ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा था कि वे अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। अब रिकवरी की भी कोई गुंजाइश बाकी नहीं है।

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वहीँ दूसरी और आपको बतादे कि अमाइलॉइडोसिस में इंसान के शरीर में अमाइलॉइड नाम का असामान्य प्रोटीन बनने लगता है। यह दिल, किडनी, लिवर, नर्वस सिस्टम, दिमाग आदि अंगों में जमा होने लगता है, जिस वजह से इन अंगों के टिशूज ठीक से काम नहीं कर पाते। कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद 21 साल की उम्र परवेज मुशर्रफ ने बतौर जूनियर अफसर पाकिस्तानी आर्मी जॉइन कर ली।

इतना ही नहीं 1971 के युद्ध में भी मुशर्रफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिसे देखते हुए सरकार ने उन्हें कई बार प्रमोट किया। 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने। उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल की साजिश रची। लेकिन बुरी तरह से असफल रहे। अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर-अ मेमॉयर’ में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए।

मुशर्रफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलना चाहते थे लेकिन तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार टालमटोल कर रही थी। लेकिन मुशर्रफ ने वाजपेयी से मिलने की ठान ली थी। यह मुलाकात 18 अप्रैल 2005 को हुई। मुशर्रफ ने पाकिस्तान वापसी के लिए पालम हवाई अड्डे जाते समय अपना काफिला 6 कृष्ण मेनन मार्ग पर रुकवाया दिया था। वे अटल बिहारी वाजपेयी से मिले और कहा, ‘सर, अगर आप प्रधानमंत्री होते तो आज दोनों देशों के बीच के रिश्ते कुछ और होते।’

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