
भारत की जी-20 अध्यक्षता में पहली शेरपा बैठक संपन्न हुई
एक महत्वाकांक्षी एजेंडे पर तीन दिनों की मौलिक चर्चा और आज भव्य कुंभलगढ़ किले और रणकपुर मंदिर के एक दिन के भ्रमण के बादभारत की जी-20 अध्यक्षता में पहली शेरपा बैठक का सफल समापन हुआ।
इस बैठक में जी-20 सदस्य, 9 अतिथि देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों की पूर्ण और सक्रिय भागीदारी की।
प्रभावशाली अरावली पहाड़ियों पर स्थितयूनेस्को की एक विश्व धरोहर स्थलशानदार कुंभलगढ़ किले के भ्रमण ने जी-20 के प्रतिनिधियों के मन को मोह लिया। इस किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुम्भा ने किया था।36 किलोमीटर से अधिक लंबी एक विशाल दीवार से घिरा हुआ यहभव्य किला आसपास के क्षेत्र कोसुंदर दृश्य प्रदान करता है। इनप्रतिनिधियों ने इस किले के ऐतिहासिक खंडहरों, छतों और मंदिरों का दौरा किया।
इस दौरान किले के ऊपर 200 से अधिक पतंगें उड़ाई गईं।
इसके बाद प्रतिनिधियों ने मघई नदी के तट पर स्थित 15वीं शताब्दी के स्थापत्य आश्चर्य – रणकपुर मंदिर का दौरा किया। इसमंदिर परिसर मेंजटिल डिजाइन व स्थापत्य कौशल के साथपार्श्वनाथ मंदिर, चौमुखा मंदिर, सूर्य मंदिर और अम्बा माता मंदिर निर्मित हैं। इन प्रतिनिधियों को राजस्थान के जीवंत इतिहास और कई सदियों से चली आ रही
अखंड परंपराओं की एक समृद्ध अनुभूति और झलक देखने को मिली।
एक कार्य-उन्मुख निर्णायक एजेंडे पर परिणाम देने वाली चर्चाओं और राजस्थान के विभिन्न स्वादों के एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव के मिश्रण के साथ शेरपा ट्रैक, वित्तीय ट्रैक और कार्य समूह सहित 32 विभिन्न जी-20 वर्कस्ट्रीम में पहली शेरपा बैठक ने आगामी बैठकों को लेकर एक लय प्रदान की।सभी प्रतिनिधियों नेजी-20 शेरपा बैठक के दौरानमौजूदा वैश्विक चुनौतियों पर ठोस चर्चाऔर आदर्श वाक्य ‘अतिथि देवो भव:’ के साथहार्दिक आतिथ्यके लिएकाफी सराहना की।