ED की Raid : लालू की बेटियों और तेजस्वी यादव के घर से मिला, इतना कैश, US Doller, 2 किलो सोना
ED's Raid: Found from Lalu's daughters and Tejashwi Yadav's house, so much cash, US Dollar, 2 kg gold
जैसा की सभी जान ही चुके है कि इस समय लालू परिवार पर संकट के बदल छाए हुए है तो वहीँ आपको बतादें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने नौकरी के बदले जमीन ‘घोटाला’ मामले में धनशोधन संबंधी जांच के सिलसिले में शुक्रवार को बिहार के कई शहरों एवं कई अन्य जगहों पर छापेमारी की. छापेमारी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तीन पुत्रियों और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के परिसर में भी की गई.
1.5 किलोग्राम जेवरात को जब्त किया
वही दूसरी ओर एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कि छापों के दौरान 53 लाख रुपये नगद, 1900 अमेरिकी डॉलर, करीब 540 ग्राम स्वर्ण और सोने के 1.5 किलोग्राम जेवरात को जब्त किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण दिल्ली के एक घर में तलाशी ली गई जहां लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद थे. यह घर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में है और ‘लाभार्थी कंपनी’ एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत पता है जो मामले में शामिल है.
आपको बताते चले कि ईडी के अनुसार इसे यादव का परिवार आवासीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. अधिकारियों ने कहा कि छापे पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR), रांची और मुंबई में लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव और राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन के स्थानों पर मारे गए.
मीडिया से बात करते हुए क्या बोले अबु दोजाना
जी हाँ अबू दोजना का कहना है कि कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के सुरक्षा घेरे में करीब दो दर्जन स्थानों की तलाशी ली गई. दोजाना पटना में अपने घर की बालकनी पर बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से यह कहने आए कि ‘मुझे नहीं पता कि ये लोग मेरे घर पर क्या खोजने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि मैं इतना ही जानता हूं कि हम भाजपा के सामने न झुकने की कीमत चुका रहे हैं.
जानिए कब किया गया था जमीन के बदले नौकरी घोटला
आपको बतादें कि कथित घोटाला उस वक्त का है जब लालू प्रसाद संप्रग-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न ज़ोन में समूह डी में विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में उन्होंने अपनी ज़मीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को स्थानांतरित की थी.अधिकारियों ने कहा कि रागिनी यादव और चंदा यादव एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड में पूर्व निदेशक थी, जिसे कथित तौर पर एक अभ्यर्थी से भूखंड मिला था.