डॉ.भीमराव अंबेडकर का परीनिर्वाण दिवस का आयोजन

डॉ.भीमराव अंबेडकर का परीनिर्वाण दिवस का आयोजन
समर इडिया: कृष्णा जी ब्यूरो चीफ
बुगरासी में भाजपा वरिष्ठ कार्यकर्ता शान्ति स्वरूप के निवास पर बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी की 63 वीं पुण्यतिथि का आयोजन किया गया जिसमें मंडल अध्यक्ष लोकेश लोधी ने बताया छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. आज के दिन ‘परिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. अंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे.
डॉ.भीमराव अंबेडकर जी ने आखिरी समय में बौद्ध धर्म अपनाया था ।
सभासद, औमदत्त लोधी चेयरमैन पद के प्रत्याशी ने बाबा साहब को नमनः करते हुए बताया भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक बाबा साहेब अंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. आज के दिन ‘परिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. अंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे. वे दलित समुदाय के लिए एक ऐसी अलग राजनैतिक पहचान की वकालत करते रहे.
बताते चलें कि देश में डॉ. अंबेडकर की याद में जगह-जगह बीजेपी सहित तमाम राजनीतिक दल परिनिर्वाण दिवस मनाते हैं.
डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक छुआ-छूत और जातिवाद के खात्मे के लिए काफी आंदोलन किए. उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए न्योछावर कर दिया. अंबेडकर ने खुद भी उस छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का सामना किया
हालांकि डॉ. अंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के जीवन भर संघर्ष करते रहे. ।
ब्रिटिश सरकार से प्रस्ताव में अंबेडकर ने अपनी मांग वापस ले ली. बदले में दलित समुदाय को सीटों में आरक्षण और मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार देने के साथ ही छुआ-छूत खत्म करने की बात मान लें।
इस अवसर पर भीष्मराव अम्बेडकर प्रेमियों ने पुष्प अर्पित किए ।