भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए धामी सरकार ने लिया यह फैसला
Dhami government took this decision to bring transparency in recruitment examinations

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में होने वाली समूह ‘ग’ की परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा है। तकनीकी परीक्षाओं में भी साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीसीएस परीक्षा के साक्षात्कार में न्यूनतम 40 और अधिकतम 70 फीसदी अंक दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी।
भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है रामलीला मैदान में भाजयुमो की ‘युवा आभार रैली’ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। अब किसी भी युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। राज्य में सभी भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ कराई जा सकेंगी।
विपक्षी दल राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं पर पांच साल तक रोक
इतना ही नहीं सरकार भर्ती परीक्षाओं को और पारदर्शी बनाने के लिए लोगों के सुझावों पर भी काम करेगी। उन्होंने कहा कि नकल विरोधी कानून सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ही लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं पर पांच साल तक रोक लगाने के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। राज्य में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं संपन्न होने के बाद यदि आवश्यकता पड़ी तो भर्ती घपलों की जांच सीबीआई से कराई जाएगी।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा क्या बोले
वहीँ दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नकल विरोधी कानून लाकर युवाओं का विश्वास जीता है। कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस की राजस्थान सरकार पर प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने के आरोप लग रहे हैं। उत्तराखंड जैसे शांत प्रदेश में कांग्रेस युवाओं को भाजपा के खिलाफ बरगलाने का प्रयास कर रही है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत ने कहा कि नकल विरोधी कानून को लेकर युवाओं में भारी उत्साह है।
पारदर्शिता के साथ पीसीएस परीक्षा कराने में कामयाब
आगे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस पूरी तरह मुद्दा विहीन हो चुकी है। इसीलिए युवाओं को बरगलाने में लगी है। बावजूद इसके सरकार एक लाख से अधिक युवाओं की पारदर्शिता के साथ पीसीएस परीक्षा कराने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने खोए जनाधार को वापस पाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली। लेकिन इस यात्रा से भी वह लोगों का विश्वास पाने में विफल साबित रही। इसे देखकर लगता है कि यदि कांग्रेस ने भारत जोड़ो के बजाए भारत जानो यात्री की होती तो उन्हें देश की संस्कृति को जानने का मौका मिलता।