DGP Sir ने देहरादून की अपराध एवं कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में जनपद के समस्त अधिकारीगणों, प्रभारियों के साथ गोष्ठी कर दिए दिशा-निर्देश।
सामान्य आम जन पर पुलिस का विश्वास बढे तथा अपराधियों पर पुलिस का डर बैठै। अपराधियों को पुलिस का डर होना चाहिये, जनपद में कोई भी अपराधी प्रवेश करने की हिम्मत न करें, यदि प्रवेश करता है तो जनपद से बाहर न जाने पाये। इसके अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड महोदय द्वारा सभी थाना प्रभारियों के विचार तथा उनकी समस्याएं सुनी, जिसका महोदय द्वारा निस्तारण किया गया।
अपराध की प्रकृति की पूर्ण जानकारी करते हुए किसी भी दशा में हल्की धाराओं में अभियोग पंजीकृत न करते हुए बडी धाराओं में अभियोग पंजीकृत करें। जिससे किसी भी दशा में अभियुक्त को हल्की धाराओं का लाभ न मिलने पाये।
विवेचना में 07 साल तक की सजा के अपराधों में भी अभियुक्तों से पूछताछ अवश्य की जाए।
02 माह अभियान चलाकर वांछित, इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जाए। वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित किया जाए तथा इनाम की धनराशि बढाई जाए।
गैंगस्टरों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करते हुए उनकी अवैध सम्पत्ति को सीज करने की कार्यवाही की जाए।
प्रत्येक पुलिस अधिकारी तत्परता से काम करें, अपराध के पीछे नहीं बल्कि अपराधियों के पीछे भागे।
पुलिस उपाधीक्षक से नीचे कोई भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी किसी भी अपराध से सम्बन्धित किसी प्रकार की मीडिया बाइट न दे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सहमति से ही विवेचक मीडिया बाइट दे।
शिकायतकर्ता को सुने, उनकी समस्या का समाधान करें। शिकायतकर्ता को अपनी समस्या के लिए अधिकारियों के पास भटकना न पडे।
पुलिस उपाधीक्षक से नीचे कोई भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी किसी भी अपराध से सम्बन्धित किसी प्रकार की मीडिया बाइट न दे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सहमति से ही विवेचक मीडिया बाइट दे।
अपराधों में नशे में लिप्त व्यक्तियों की संलिप्तता अधिक पाई जा रही है, नशें के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करें।
किसी भी स्थान पर जाम लगने पर इसकी जानकारी सोशल मीडिया, अन्य स्त्रोत के माध्यम से आम जनता को पंहुचाये जिससे आम जनता को अनावश्यक जाम का सामना न करना पड़े।