प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीएम धामी ने की शिष्टाचार भेंट, विकास के लिये मांगा सहयोग
उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री से मिले सीएम धामी
देहरादून। नेटवर्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग के लिए प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को जून के आगे बनाए रखने, उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने, कुमांऊ मण्डल के पौराणिक मंदिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से “मानस खण्ड मंदिर माला मिशन“ को स्वीकृति दिये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारू संचालन के लिये संबंधित को निर्देशित किए जाने के साथ ही टीएचडीसी इण्डिया लि0 की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखंड राज्य को स्थानांतरित करने में केंद्र से सहयोग का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य, देश के फार्मास्यूटिकल हब के रूप में उभर रहा है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने का अनुरोध किया। इससे राज्य में फार्मास्यूटिकल शोध को बढ़ावा मिलेगा। उक्त संस्थान की स्थापना के लिए वांछित भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य के सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में एयरस्ट्रिप से फिक्सडविंग (वायुयान ) हवाई सेवा संचालित किये जाने केि लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारू संचालन के लिये संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ एवं बदरीनाथ को मास्टर प्लान तैयार कर विकसित किया जा रहा है। इसी भांति प्रदेश के कुमांऊ मण्डल के पौराणिक मन्दिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से “मानस खण्ड मन्दिर माला मिशन“ की स्वीकृति दिये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि टीएचडीसी इण्डिया लि० भारत सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का संयुक्त उपक्रम है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 47 (3) के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी इण्डिया लि० में किये गये पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए क्योंकि टीएचडीसी इण्डिया लि० का मुख्यालय उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है।
टीएचडीसी इंडिया लि0 की लगभग 70 प्रतिशत परियोजनाएं उत्तराखण्ड राज्य में ही स्थित है। उक्त परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली पुनर्वास, कानून व्यवस्था तथा अन्य सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना भी उत्तराखण्ड राज्य को करना पड़ता है। उत्तराखंड राज्य द्वारा वर्ष 2012 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-131 के अन्तर्गत टीएचडीसी इण्डिया लि० में उत्तर प्रदेश के स्थान पर उत्तराखण्ड राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए मूल वाद संख्या 05 / 2012 मा0 सर्वाेच्च न्यायालय में योजित किया गया था जो सम्प्रति विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से टीएचडीसी इण्डिया लि की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखण्ड राज्य को स्थानान्तरित करने में केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा अनुसार वर्ष 2025 में राज्य के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा।