प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाते हुए टीबी रोगियों को लिया गोद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाते हुए टीबी रोगियों को लिया गोद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाते हुए टीबी रोगियों को लिया गोद–डॉ. उत्तम सिंह प्रजापति
आज दिनांक 30 सितंबर को सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के निमित्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भारतीय जनता पार्टी मण्डल गजरौला अध्यक्ष कार्यक्रम संयोजक डॉ उत्तम सिंह प्रजापति व सह संयोजक डॉ सुमेर चंद ने टी बी रोगियों को गोद लेकर उनकी देखरेख का ज़िम्मा लिया साथ ही जन प्रतिनिधियों को भी टी बी रोगियों को गोद दिलाया और उनकी देखरेख की ज़िम्मेदारी का दायित्व सौपा। आज देश और दुनिया के इतिहास में यूं तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 24 मार्च की तारीख के नाम दर्ज हैं लेकिन तपेदिक (टीबी) को लेकर यह दिन खास है. 24 मार्च, 1882 को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कोच ने टीबी के जीवाणु की खोज की थी. यह खोज आगे इसके इलाज में बहुत सहायक बनी. इसीलिए विश्वभर में टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व टीबी दिवस के रूप में 24 मार्च का दिन चुना गया. वहीं, भारत के इतिहास की बात करें तो 24 मार्च को ही कैबिनेट मिशन भारत पहुंचा था.
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। यह रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है। यह रोग इलाज योग्य और रोकथाम योग्य है। लेकिन इसका सक्रिय रूप अत्यधिक संचारी है और खांसी, छींक, लार आदि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। अपने अत्यधिक संचारी रूप के कारण यह रोग विश्व स्तर पर दूसरी घातक बीमारी है।
टीबी के दो प्रकार अव्यक्त टीबी और सक्रिय टीबी हैं। अव्यक्त ट्यूबरक्लोसिस संक्रामक नहीं होता है और जीवाणु शरीर में निष्क्रिय रूप में रहते हैं। सक्रिय टीबी में बैक्टीरिया सक्रिय होता है और इस प्रकार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
रोग के सामान्य लक्षण 3 महीने से अधिक समय तक खांसी, थकान, बुखार, ठंड लगना, रात में पसीना आना, सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या, भूख न लगना है। टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए विभिन्न दवाएं और एंटीबायोटिक हैं। रोग के कई रूप दवा प्रतिरोधी बन गए हैं।
रोग से संबंधित कुछ तथ्य इस प्रकार हैं:
तथ्य 1: 2017 में, दुनिया भर में अनुमानित 10 मिलियन लोग टीबी से पीड़ित थे, जिनमें 5.8 मिलियन पुरुष, 3.2 मिलियन महिलाएं और 1 मिलियन बच्चे थे। ये सभी देशों और आयु समूहों में मामले थे लेकिन टीबी इलाज योग्य और रोकथाम योग्य है।
तथ्य 2: 2017 में टीबी से कुल 1.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई (एचआईवी के साथ 0.3 मिलियन सहित)। दुनिया भर में, टीबी मृत्यु के शीर्ष 10 कारणों में से एक है और एक संक्रामक एजेंट (एचआईवी/एड्स से ऊपर) से प्रमुख कारण है।
तथ्य 3: 2017 में, वैश्विक स्तर पर 1 मिलियन बच्चे टीबी से बीमार हुए और 230,000 बच्चों की टीबी से मृत्यु हुई। बचपन की टीबी को अक्सर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है और इसका निदान और उपचार करना मुश्किल हो सकता है।
तथ्य 4: टीबी एचआईवी वाले लोगों का प्रमुख हत्यारा है। 2017 में, एचआईवी के साथ रहने वाले लोगों में टीबी के 464,633 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 84% एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी पर थे।
तथ्य 5: बहुऔषध प्रतिरोधी टीबी एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। व्यापक रूप से दवा प्रतिरोधी खतरा टीबी का एक रूप है जो कम उपलब्ध दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया करता है।
ट्यूबरक्लोसिस (क्षय रोग) के विभिन्न प्रकार क्या हैं? | Types of Tuberculosis (TB) in Hindi
अव्यक्त टीबी:
अव्यक्त टीबी के मामलों में, टीबी के जीवाणु शरीर में निष्क्रिय अवस्था में रहते हैं। यह रोग के किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनता है और इसलिए संक्रामक नहीं है। हालांकि, अव्यक्त टीबी बैक्टीरिया किसी भी समय सक्रिय हो सकता है। माना जाता है कि दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी को अव्यक्त टीबी है।
सक्रिय टीबी:
यद्यपि केवल 10% संभावना है कि अव्यक्त टीबी सक्रिय हो जाएगा, लेकिन जिन लोगों ने प्रतिरक्षा प्रणाली से समझौता किया है, उनमें इस अव्यक्त रोग को ट्रिगर करने का उच्च जोखिम है। सक्रिय टीबी में रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया टीबी के लक्षण दिखाते हैं और यह बीमारी संक्रमित होती है।
इस अवसर पर डॉ.योगेन्द्र सिंह, डॉ.जितेन्द्र सिंह,डॉ.सुमेर चंद,डॉ. उत्तम सिंह प्रजापति, डॉ. दीपक गंगवार, डॉ. नरेन्द्र निंबोलिया, डॉ. आशुतोष भूषण, डॉ. संजीव कुमार, चंद्रपाल सिंह पाल, प्रमोद कुमार, होशियार सिंह, बूथ अध्यक्ष संजय सिंह टी बी रोगी राजपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।