उत्तर प्रदेश

पुलिस उत्पीड़न के शिकार श्रीपाल आत्मदाह का मामला:- एन वक्त पर पुलिस मित्र सजातीय बंधुओं श्रीपाल का नहीं करा सके दाह संस्कार,

एन वक्त पर पुलिस मित्र सजातीय बंधुओं श्रीपाल का नहीं करा सके दाह संस्कार,

पुलिस उत्पीड़न के शिकार श्रीपाल आत्मदाह का मामला:- एन वक्त पर पुलिस मित्र सजातीय बंधुओं श्रीपाल का नहीं करा सके दाह संस्कार,

सहसवान। थाना कोतवाली पुलिस से संबंध पुलिस मित्र भी एन वक्त पर काम न आए कोई भी आक्रोशित शोक संतप्त परिवार को भी मनाने में ऐन वक़्त तक कामयाब नहीं हो सके।559b2833 84aa 4da1 a340 a8212cf1e387ज्ञात रहे 6 फरवरी को थाना कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली से परेशान ड्राइवर श्रीपाल निवासी ग्राम केसों की मड़ैया थाना कोतवाली परिसर में अपने ऊपर डीजल छिड़ककर आग लगा लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया 70% से अधिक घायल घायल ड्राइवर श्रीपाल को कई हायर हॉस्पिटलों में भर्ती कराया गया अंत में दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में 19 फरवरी को तड़के सुबह 6:00 बजे दम तोड़ दियाI97b3b97f 1d28 457a a245 35377bf4f255थाना कोतवाली पुलिस ने कोतवाली से संबंधित सभी पुलिस मित्रों को बुलाकर लगभग 1 सप्ताह से श्रीपाल के परिवार के लोगों पर नजर रखने तथा उनकी गतिविधियों को पल पल की जानकारी देने का जिम्मा सौंपा था। यही नहीं श्रीपाल के शव को गांव में लाने पर उसका तत्काल दाह संस्कार करने की जिम्मेदारी पुलिस मित्रों को दी गई पुलिस मित्रों ने ही नहीं कई सजातीय बंधुओं को भी सौंपी थी। परंतु जैसे ही श्रीपाल का सब उसके पैतृक आवास पर पहुंचा परिजनों के आक्रोश का बांध टूट गया और उन्होंने अपने शुभचिंतकों पुलिस मित्रों रिश्तेदारों के अलावा सजातीय बंधुओं का भी अनुरोध स्वीकार करते हुए शव का दाह संस्कार करने से इंकार कर दिया।9श्रीपाल के परिजनों ने सांप 2 शब्दों में कहा कि जब तक श्रीपाल के अबोध बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अधिकारी नहीं लेते हैं। तथा जिन पुलिसकर्मियों ने उनके परिवार का उत्पीड़न किया है। उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है तब तक श्रीपाल के शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा इसके लिए चाहे उन्हें कितने दिन भी सबको घर पर रख कर इंतजार करना पड़े पुलिस मित्रों एवं सजातीय बंधुओं को जैसे ही पुलिस उत्पीड़न का शिकार हुए श्रीपाल के परिजनों का फरमान मिला उनके होंठ सूख गए और वह धीरे-धीरे करके मौके से खिसक लिए जिसकी गांव में चर्चा होती रही गांव केसों की मडिया में खूब चर्चा रही की पुलिस मित्र सजातीय बंधुओं भी पुलिस की मदद नहीं कर सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nine + twenty =

Back to top button
error: Content is protected !!
E-Paper