Uttar Pradesh

Budaun News: पेशी पर कोर्ट लाए गए कैदी की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टरों पर शव रेफर करने का आरोप-

सहसवान कोतवाली क्षेत्र के गांव रसूलपुर पुख्ता निवासी हरपाल को गांव में हुए बलवे में आठ महीने पहले सात साल की सजा हुई थी। इसके बाद से वह जेल में बंद था।

Budaun News: पेशी पर कोर्ट लाए गए कैदी की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टरों पर शव रेफर करने का आरोप-

बदायूं। जिला कारागार में कैदी की हार्टअटैक से मौत हो गई। मृतक के भाई ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर शव को लखनऊ रेफर करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने गुरुवार को मजिस्ट्रेट की निगरानी में शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

सहसवान कोतवाली क्षेत्र के गांव रसूलपुर पुख्ता निवासी हरपाल को गांव में हुए बलवे में आठ महीने पहले सात साल की सजा हुई थी। इसके बाद से वह जेल में बंद था। एक और मुकदमे में उसके वारंट जारी हुए तो गुरुवार को सुनवाई के लिए जिला कारागार से पुलिस न्यायालय लेकर पहुंचीं। न्यायालय में दोपहर करीब दो बजे अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे जेल के अस्पताल ले गए।

जेल के डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया। उसे लखनऊ ले जा रहे पुलिसकर्मी म्याऊं पीएचसी पर पहुंचे तो वहां बताया गया कि काफी देर पहले ही उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद मृतक के परिजन भी म्याऊं पहुंच गए।

 आरोप- जिला अस्पताल में हो चुकी थी कैदी की मौत :‌मृतक के भाई अनिल ने बताया कि उसकी मौत जिला अस्पताल में ही हो चुकी थी। वह मौके पर मौजूद था। उसने शव को ही रेफर करने का आरोप जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया। इस संबंध में म्याऊं पीएचसी प्रभारी डॉ. प्रशांत बनर्जी ने बताया कि कैदी को यहां लाया गया था, जिसकी मौत पहले ही हो चुकी थी। कितनी देर पहले हुई इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही स्पष्ट हो सकेगा।

जेल अधीक्षक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि हरपाल को सात साल की सजा हुई थी। उसका एक मुकदमे में वारंट चल रहा था। पुलिस उसको पेशी पर न्यायालय ले गई थी। जहां उसकी तबीयत खराब होने पर जेल के डॉक्टरों के साथ उसे जिला अस्पताल भेजा गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने हार्टअटैक बताते हुए रेफर कर दिया।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह ने कहा कि हमने ईएमओ से जानकारी की तो बताया गया कि कैदी को हार्टअटैक आया था। चूंकि जिला अस्पताल में इसके इंतजाम नहीं हैं इसलिए लखनऊ रेफर किया गया। ऐसे में हो सकता है रास्ते में उसकी मौत हो गई हो। उसकी सारी जांच और फाइल को देखा गया तो यहां से जीवित रेफर किया गया था।

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