त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा को रुझानों में फिर बहुमत
BJP gets majority again in Tripura assembly elections
हाल ही में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है वहीँ इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि अगर मतगणना के रुझानों में भाजपा फिर बहुमत के जादुई आंकड़े से ऊपर निकल गई है. भाजपा इस समय 35 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस+लेफ्ट 13 और टिपरा 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. एक अन्य भी बढ़त बनाए हुए है.
60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को चुनौती
वहीँ दूसरी ओर भाजपा+ अब भी पिछली मिली सीटों से 10 पीछे है. लंबे समय तक वाम मोर्चा के गढ़ रहे त्रिपुरा में 2018 में दक्षिण पंथी पार्टी बीजेपी ने अत्यंत महत्वपूर्ण जीत दर्ज की थी. यह इस राज्य की राजनीतिक रवायत को बदल डालने वाली घटना थी. इस बार का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और वाम दलों ने राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए पहली बार हाथ मिलाया है.
त्रिपुरा ने जनजातीय क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन
आपको बताते चले कि जनजातीय आबादी के एक बड़े हिस्से के बीच इसके प्रभाव ने पारंपरिक पार्टियों को परेशान किया है. इसके संस्थापक देबबर्मा पूर्ववर्ती शाही परिवार के वंशज हैं और राज्य की जनजातीय आबादी में उनका खासा प्रभाव माना जाता है. पिछले चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने जनजातीय क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया था.
2018 के चुनाव में बीजेपी ने हासिल की थी कितनी सीट
आपको बतादे कि साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने 36 और आईपीएफटी ने आठ सीटें जीती थीं. आईपीएफटी के संस्थापक एनसी देबबर्मा के निधन के बाद माना जा रहा है कि पार्टी का असर कम हुआ है. ऐसे में बहुमत हासिल करने का भार काफी हद तक बीजेपी के कंधों पर है, जबकि उसके दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी एकजुट हो गए हैं.
त्रिपुरा में लगातार बदल रहे आंकड़े
वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि त्रिपुरा चुनाव के नतीजे देखते हैं, क्योंकि वहां हमने खुद बहुत कम सीट पर चुनाव लड़ा और सोचा कि गठबंधन से हमें बहुमत मिल सकता है. जब फाइनल नतीजे आएंगे, तब देखेंगे कि कहां हमें बहुमत मिलती है और कहां हमारी सरकार नहीं बनती.