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बड़ी लापरवाही : मोबाइल टॉर्च की रोशनी में सरकारी ट्रामा सेंटर में घायल को लगाए गये टांके !

जहां सरकार सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के दावे कर रही है तोह,वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में लापरवाही का अंधेरा छाया हुआ है

फिरोजाबाद के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मरीजों के इलाज में लापरवाही !
 फिरोजाबाद के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। रविवार शाम को कॉलेज के ट्रामा सेंटर में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में घायल को टांके लगाए गए। घायल के इलाज करने के दौरान अचानक बिजली चली गई थी।
ट्रामा सेंटर में अंधेरा

थाना फरिहा क्षेत्र के गोहाना निवासी मोहनपाल पुत्र राजेंद्र सिंह रविवार शाम को बाजार से घर जा रहा था। रास्ते में बाइक फिसलने से घायल हो गया था। घायल को परिजन रात करीब पौने आठ बजे सरकारी ट्रामा सेंटर लाए। उसके चेहरे और सिर पर काफी चोट लगी थी। कुछ मांस फट गया था।
मोबाइल की रोशनी में घायल के घाव पर लगाए टांके
घायल मोहनपाल के भाई गौरव के अनुसार जिस समय वो ट्रामा सेंटर पहुंचा उस समय बिजली थी। जैसे ही इलाज शुरू किया बिजली चली गई। इस कारण स्टाफ को उसके भाई मोहनपाल का उपचार अंधेरे में करना शुरू कर दिया। तभी बिजली चली गई। ऐसी स्थिति में पर्याप्त रोशनी के लिए ट्यूब लाइटों से इनवर्टर का कनेक्शन नहीं था। जनरेटर चलाने में भी 15 मिनट का वक्त लग गया।
घायल को ले जाते परिजन

बिजली नहीं होने के कारण मोबाइल की टार्च से रोशनी करनी पड़ी। इस दौरान वहां मौजूद संविदा स्टाफ ने घायल को टांके लगाए। घायल का उपचार करने को चिकित्सक तथा फार्मासिस्ट तक नहीं पहुंचे। ट्रामा सेंटर में मौजूद लोगों ने बताया कि स्टाफ ने मोबाइल को रोशनी में घायल को टांके तो लगा दिए, लेकिन अगर कुछ ऊंच-नीच हो जाती है तो इसका कौन जिम्मेदार होता।
ट्रामा सेंटर में घायल मरीज

जब इस  विषय में जानकारी ली गयी तब  ट्रामा सेंटर में तैनात ईएमओ डॉ. शैलेंद्र प्रताप का कहना है कि 10 मिनट के लिए लाइट गई थी। इन्वर्टर से छोटी लाइट जल रहीं थी। जनरेटर को चलने में थोड़ी देर हो जाती है। वहीं सीएमओ डॉ एसके दीक्षित ने कहा कि मोबाइल की रोशनी में टाकें लगाने का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो वह जांच कराएंगे। किस कारण ऐसा करना पड़ा इसकी भी जानकारी करेंगे।

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