(बदायूं जामा मस्जिद मामला) 21 फरवरी को फिर होगी सुनवाई, हिंदू महासभा ने की थी निरीक्षण कराने की मांग, मुस्लिम पक्ष ने किया दावा 840 साल पुरानी है मस्जिद,
मुस्लिम पक्ष ने किया दावा 840 साल पुरानी है मस्जिद,
(बदायूं जामा मस्जिद मामला) 21 फरवरी को फिर होगी सुनवाई, हिंदू महासभा ने की थी निरीक्षण कराने की मांग, मुस्लिम पक्ष ने किया दावा 840 साल पुरानी है मस्जिद,
जयकिशन सैनी (समर इंडिया)
बदायूँ। नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन पदोन्नति होने पर रिक्त हुये पद के चलते नहीं हो सकी। जिसके चलते तारीख बढ़ा दी गयी। अब इस मामले की सुनवाई 21 फरवरी को होगी। पिछली सुनवाई 16 जनवरी को नीलकंठ महादेव पक्ष ने सर्वे कमीशन के प्रार्थना पत्र के निस्तारण को लेकर पक्ष रखा। साथ ही दोनों पक्ष ने अन्य बिंदुओं पर भी सुनवाई के दौरान पक्ष रखे थे।
पिछली सुनवाई के दौरान सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में चल रहे नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद के मुकदमे में नीलकंठ महादेव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से सर्वे कमीशन कराने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए पक्ष रखा था। इसके साथ ही पूर्व में जामा मस्जिद पक्ष के दिये गये प्रार्थना पत्र के संबंध में भी नीलकंठ महादेव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल किया। उसी दौरान तीसरे पक्ष की ओर से मामले में पक्षकार बनने के लिए बौद्ध महासभा की ओर से दिये गये प्रार्थना पत्र पर नीलकंठ महादेव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल किया। सिविल जज सीनियर डिवीजन विजय कुमार गुप्ता के पदोन्नत होने से रिक्त हुये कोर्ट के चलते सुनवाई को आगे बढ़ा दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई 21 फरवरी को होगी।
नीलकंठ महादेव पक्ष का दावा अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल आदि द्वारा अदालत में किए गए दावे के मुताबिक शहर में स्थित जामा मस्जिद पूर्व में राजा महीपाल का किला था। यहां नीलकंठ महादेव देव का मंदिर था। मस्जिद की मौजूदा संरचना नीलकंठ महादेव के प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई है। साल 1175 में पाल वंशीय राजपूत राजा अजयपाल ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मुगल शासक शमसुद्दीन अल्तमश ने इसे ध्वस्त करके जामिया मस्जिद बना दिया। इसका नक्शा समेत सरकारी गजेटियर भी कोर्ट में पेश किया गया है।
ये है मुस्लिम पक्ष का दावा:- इंतजामिया कमेटी के सदस्य व अधिवक्ता असरार अहमद मुस्लिम पक्ष के वकील हैं। उनके मुताबिक जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है। मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है।