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अमेरिका ने किया चीन के ‘जासूसी गुब्बारे’ को शूट डाउन , फिर हुआ ऐसा

America shot down China's 'spy balloon', then it happened

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि आखिरकार अमेरिका ने चीन के ‘जासूसी गुब्बारे’ को मिसाइल से शूट डाउन कर ही दिया. इसे अमेरिकी फाइटर जेट F-22 रैप्टर एयरक्राफ्ट की मदद से अटलांटिक महासागर के ऊपर मार गिराया गया. अमेरिका के इस कदम से चीन बिल्कुल भी खुश नहीं है, उसने बयान जारी कर अमेरिका को कड़ी नसीहत दी है.

आपको बताते चले कि अमेरिका के हवाई क्षेत्र पर पिछले कुछ दिनों से नजर आ रहे चीन के ‘जासूसी गुब्बारे’ को शूट डाउन कर दिया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का आदेश मिलते ही US एयरफोर्स ने हाई-टेक F-22 रैप्टर एयरक्राफ्ट की मदद से चीनी गुब्बारे को मार गिराया. गुब्बारे को गिराने के लिए सिंगल साइडविंडर मिसाइल दागी गईं. जासूसी गुब्बारे के मलबे से किसी को नुकसान न पहुंचे, इसलिए इसे अमेरिका के साउथ कैरोलिना के समुद्री तट से करीब 9.6 किलोमीटर (6 मील) दूर अटलांटिक महासागर में शूट डाउन किया गया.

अमेरिका ने हमारे सिविलियन एयरशिप को मार गिराया

इतना ही नहीं, आपको बतादें कि अमेरिका के इस कदम से चीन बुरी तरह भड़क गया है. गुब्बारा गिराए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम चाहते थे कि अमेरिका इस मुद्दे को शांति के साथ हल करे. लेकिन अमेरिका ने हमारे सिविलियन एयरशिप को मार गिराया. हम इसके खिलाफ अपना विरोध जताते हैं. अमेरिका ने इसे अंजाम देकर अंतर्राष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन किया है. चीन अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

सिविलियन एयरशिप गलती से अमेरिका के हवाईक्षेत्र में आ गया

हमने अमेरिका के साथ कई बार इस बारे में चर्चा की. हमने उन्हें बताया था कि हमारा सिविलियन एयरशिप गलती से अमेरिका के हवाईक्षेत्र में आ गया है, यह सिर्फ एक दुर्घटना थी. हमने पहले भी कहा था कि इस गुब्बारे से अमेरिका को किसी तरह का सैन्य खतरा नहीं है चीन का जासूसी गुब्बारा गिराए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी बयान आया.

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आगे इस पर उन्होंने कहा मुझे गुब्बारे के बारे में जैसे ही बताया गया, मैंने पेंटागन (US रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय) को तुरंत गुब्बारा शूट डाउन करने के आदेश दिए.’ उन्होंने फैसला किया कि गुब्बारे को गिराते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इसके मलबे से जमीन पर किसी को नुकसान न पहुंचे. इसलिए गुब्बारे को तब शूट डाउन किया गया, जब वह समुद्र के ऊपर था.

इस पुरे प्रकरण पर बाइडेन ने आगे कहा कि अब अमेरिका का फोकस मलबे को रिकवर करने पर है. टीम को लेकर जो जहाज मौके पर पहुंचे हैं, उनमें गोताखोरों के साथ साथ FBI के अधिकारी भी शामिल हैं. जरूरत पड़ने पर रिकवरी मिशन के लिए उनका भी इस्तेमाल किया जाएगा. अमेरिका ने इस मिशन में कुछ मानव रहित जहाजों को भी तैनात किया है. पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अमेरिका काफी समय से चीन के इस ‘जासूसी गुब्बारे’ को ट्रैक कर रहा था. 28 जनवरी को इस गुब्बारे ने अलास्का में प्रवेश किया था. यहां से 30 जनवरी को गुब्बारे ने कनाडा के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया. इसने 31 जनवरी को दोबारा कनाडा से इडाहो के रास्ते अमेरिकी के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था.

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