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इतने साल बाद यूपी की विधानसभा फिर बनी अदालत, पुलिसकर्मियों को सुनाई सज़ा

After so many years, the UP assembly again became the court, sentenced the policemen

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि यूपी विधानसभा को शुक्रवार को अदालत में तब्दील कर दिया गया और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने छह पुलिसकर्मियों को एक दिन की कैद (रात 12 बजे तक) का प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान सभी पुलिसकर्मियों को कटघरे में रहने को कहा गया.

पुलिस कर्मियों को सुनाई गई सजा

आपको बतादें कि स्पीकर सतीश महाना ने फैसले की घोषणा की और कि पुलिसकर्मी आधी रात तक विधानसभा भवन के एक कमरे में कैद रहेंगे. उत्तर प्रदेश विधानसभा ने लगभग दो दशक पुराने एक मामले में तत्कालीन बीजेपी विधायक सलिल विश्नोई द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन के मामले में शुक्रवार को छह पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई. दरअसल, विशेषाधिकार हनन का नोटिस 2004 का है.

सतीश महाना ने सुनाया फैसला

वहीँ दूसरी ओर इसको लेकर शुक्रवार को विधानसभा को अदालत में तब्दील कर दिया गया और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने छह पुलिसकर्मियों को एक दिन की कैद (रात 12 बजे तक) का प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान सभी पुलिसकर्मियों को कटघरे में रहने को कहा गया. स्पीकर सतीश महाना ने फैसले की घोषणा की और कि पुलिसकर्मी आधी रात तक विधानसभा भवन के एक कमरे में कैद रहेंगे और उनके लिए भोजन व अन्य सुविधाओं जैसी सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी.

1964 में लगी थी इससे पहले ऐसी अदालत

आपको बताते चले कि इससे पहले विधानसभा में 1964 में अदालत लगी थी. तब विधानसभा के सदस्य केशव सिंह को गिरफ्तार करके अध्यक्ष के सामने पेश किया गया था. विधानसभा की अदालत की कार्रवाई के दौरान सपा के विधायक सदन मौजूद नहीं थे. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी सदन में नहीं थे. विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष से बोलने के लिए कहा, लेकिन सदन में किसी के नहीं होने के चलते इस प्रस्ताव को समर्थित मान लिया गया.

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