Uttar Pradesh

भारत की शरहद को छूकर विश्व विजेता हार गया

भारत की शरहद को छूकर , विश्व विजेता हार गया…

 

संभल के काव्यकुंभ में भारत भर के नामचीन कवियों ने बांधा समां, देर शाम तक बहती रही कविता की रसधार

राष्ट्रीय काव्य संगम महोत्सव

संभल। उत्तर प्रदेश

 कल्कि नगरी संभल में हिंदू जागृति मंच के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय काव्य संगम महोत्सव साहित्यिक उत्कर्ष के साथ संपन्न हुआ।

उज्ज्वल वशिष्ठ और अतुल शर्मा के संयोजन में हुए इस संगम महोत्सव के दौरान भारत भर के विभिन्न राज्यों के कवि रचनाकारों ने जब कविता पाठ किया तो मानों पूरा हिंदुस्तान संभल में ही उतर आया हो। प्रथम सत्र में उद्घाटन का सत्र रहा । वक्ताओ ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण के साथ एक दीपक का भी काम करता है जो समाज को एक नई दिशा दिखाता है।

 

राष्ट्रीय काव्य संगम महोत्सव के जरिए साहित्य के दायरे का विस्तार करने के साथ वरिष्ठ साहित्यकारों के सानिध्य में नवोदित व गुमनाम कलमकारों को एक राष्ट्रीय मंच उपलब्ध करा रहा हैं । प्रथम और द्वितीय सत्र में देश के कई हिस्से से पधारे हुए अतिथियों ने कविता पाठ किया। घायल छाती लेकर लश्कर वापस झेलम पार गया, भारत की शरहद को छूकर , विश्व विजेता हार गया…। ओज कवि ओंकार कश्यप ने सिकंदर के पोरस युद्ध के संदर्भ में यह पंक्तियां पढ़ी तो हॉल तालियों से गूंज उठा।

https://samarindia.com/uttar-pradesh/two-married-women-fell-prey-to-dowry-greedy-in-sahaswan-one/cid10563281.htm

 

इससे पहले पवासा से आई कवयित्री शबनम शर्मा ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अनमोल रागिनी चुनमुन ने अपनी मुक्तक समुंदर आंख में फिर भी कभी आंसू न बहते हैं पुरुष परिवार की धुरी हर दर्द सहते हैं…के जरिए पारिवारिक वातावरण का बिम्ब रखा। वीर रस के कवि ने चेतक और हल्दी घाटी पर अपनी ओज पूर्ण कविता पढ़कर लोगों की खूब वाहवाही बटोरी। पंजाब के प्रसिद्ध शायर मनोज ने अपनी गजल कितना सोए कितना जागे है , मुरझाई कली सारा हिसाब देती है ।

भारत

 

संभल के प्रख्यात शायर नवाब बाहर संभली ने अपनी गजल बचा के रखो नफरतों की आंधी से , जगमगाता रौशन मकान सबका है .. से अमन का पैगाम दिया। मध्य प्रदेश के इंदौर से आई प्रख्यात कवयित्री शीतल देवयानी ने अपनी रचना से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

 

रामपुर के प्रसिद्ध कवि शिव कुमार चंदन ने अपनी गीत याद बहुत आया करता हैभारत

 

मेरा गांव की से लोगों को भावुक कर दिया । बरैली के शायर आरिफ ने अपनी गजल. ‘ एक अलग दुनिया बनाऊंगा अगर मौका मिला, हर जंगल जला दूंगा जो तन्हा मिला ‘ से खूब वाहवाही बटोरी। इटावा की इच्छा पोरवाल ने अपनी मुक्तक जिंदगी और भी आसान होती , पास गर तू खड़ा होता के जरिए लोगों को श्रृंगार रस में खूब डुबाया ।

 

 

उत्तराखंड से पुष्पा जोशी प्राकाम्य, दिल्ली से डॉ मनीषा गिरी एवं कंचन वार्ष्णेय,चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से कुमार हरीश , एवं भीमगढ़ से डा दिनेश व्यास ललकार, पंजाब के फगवाड़ा से दिलीप कुमार पांडेय एवं मनोज फगवाड़बी,

 

भारत

 

इस दौरान मीनू रस्तोगी,अजय कुमार शर्मा, हरेंद्र सिंह उर्फ रिंकू भैया

सचिवालय

कमलकांत तिवारी, कपिल सिंघल, नेहा मलय, राजेश कुमार गुप्ता, शालिनी रस्तोगी, वैभव गुप्ता, मुकेश सिंघल, नीलम गुप्ता, पंकज सांख्यधर,अरुण अग्रवाल, सुबोध गुप्ता ,सुभाष चंद शर्मा ,राजेंद्र गुर्जर ,अमित शुक्ला ,सुनीता यादव ,अमन सिंह ,भरत मिश्रा,वैभव गुप्ता ,पंकज भारद्वाज, संतोष गुप्ता, पूनम शुक्ला,सरिता गुप्ता,विष्णु कुमार,आशा गुप्ता, सीमा आर्या, अंकुर रस्तोगी , हिमांशु पूनिया,रिंकू शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही।

 

संचालन ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, इशांत शर्मा, अतुल कुमार शर्मा, सुबोध कुमार गुप्ता ने संयुक्त रुप से किया।

AMAN KUMAR SIDDHU

Aman Kumar Siddhu (Editor in chief)Samar India Media Group From Uttar Pradesh. Can be Reached at samarindia22@gmail.com.

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