डीपीआरओ ने प्रधान व सचिव को भेजा नोटिस,फर्जी बिल
बदायूं। सालारपुर ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुंवरगांव देहात के प्रधान और सचिव तमाम योजनाओं के नाम पर फर्जी बिल साढ़े 14 लाख रुपये डकार गए। जब पत्रावलियों की जांच कराई गई तो तमाम फर्जी बिल बाउचर लगे पाए गए। अधिकतर बिल सत्यापित नहीं थे। कहीं प्रधान की मुहर लगी थी तो उसके हस्ताक्षर नहीं मिले। मामले में डीपीआरओ ने प्रधान और सचिव को नोटिस भेजा है।
यह मामला वर्ष 2021-22 का है। उस वक्त पंचायत सचिव पारूल यादव और प्रधान रामेश्वर थे।
उन्होंने प्रशासनिक मद में तीन लाख 53 हजार 475 रुपये का आय व्यय किया। कई एजेंसियों के नाम भुगतान हुआ। पत्रावली में जो बिल बाउचर लगाए थे। वह सत्यापित नहीं थे। कुछ भुगतान के बिल भी नहीं लगाए गए थे। इस दौरान स्वच्छता अभियान पर 204 रुपये की मजदूरी दर्शाते हुए सफाई दिखाई गई।
जो मास्टररोल पेश किया गया था। उसमें कोई बिल ही पेश नहीं किया गया। उसमें दो लाख 11 हजार पांच सौ रुपये का भुगतान हुआ। वहीं मजरा मोहनगंज के पंचायत भवन की मरम्मत के लिए दो लाख 46 हजार 860 रुपये का भुगतान हुआ। जो मास्टररोल पेश किए गए, उनमें कितने दिन मजदूरी कराई गई, कुल कितनी मजदूरी हुई यह सब नहीं लिखा था। और तो और उस पर प्रधान और सचिव के हस्ताक्षर तक मौजूद नहीं थे।
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इसके अलावा श्मशान भूमि के निर्माण के मामले में एक लाख 56 हजार रुपये गबन का मामला सामने आया है। पंचायत भवन, शवदाह, शांति स्थल और ईंधन गृह तक में दरारें पाई गईं। पंचायत में दो सफाई कर्मचारी पहले से तैनात हैं। इसके बावजूद दो लाख 11 हजार पांच रुपये का भुगतान करा लिया गया।

इतना ही नहीं पेयजल, हैंडपंप मरम्मत, रिबोर आदि के नाम से भी सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
डीपीआरओ की जांच में प्रधान और सचिव दोनों प्रथम दृष्टतया दोषी पाए गए हैं। फर्जी बिल कुल 14 लाख 75 हजार 940 रुपये का गबन सामने आया है। आरोपी सचिव इस समय आसफपुर ब्लॉक पर तैनात है। डीपीआरओ ने दोनों को नोटिस दिया है।
यह सालारपुर ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुंवरगांव देहात का मामला है। आरोपी प्रधान और सचिव को नोटिस दिया गया है। फर्जी बिल करीब 14 लाख रुपये से ज्यादा का गबन सामने आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। तभी कार्रवाई होगी। – श्रेया मिश्रा, डीपीआरओ