
होमगार्ड का शव लेकर पहुंचे परिजन करते रहे इंतजार 11 बजे तक नहीं पहुंचा स्टॉफ
बदायूं। पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शवों की दुर्गति लगातार बढ़ती जा रही है।
दोपहर 11 बजे तक पोस्टमार्टम हाउस में स्टॉफ नहीं पहुंचता है। शव लेकर आए परिजन शव की होने वाली दुर्गति से त्रस्त होते हैं। और भूखे-प्यासे घंटों स्टाफ का इंतजार करते रहते हैं।

मंगलवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया,
जब एक होमगार्ड का शव लेकर पहुंचे परिजनों को वहां कई घंटे पोस्टमार्टम हाउस के लिए इंतजार करना पड़ा। मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव रनेट मटकुली के रहने वाले ओमप्रकाश (57) पुत्र सिपट्टर सिंह 15 मार्च 2022 को सहसवान कोतवाली से उझानी किसी काम से गये थे। देर शाम लौटते समय उनकी बाइक को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी।
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हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
परिजन उनको बरेली निजी अस्पताल ले गए, जहां उनका इलाज चल रहा था। सिर के ऑपरेशन के बाद वह कोमा में चले गए थे। 13 माह बाद सोमवार शाम उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया। वहीं सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस को भेज दिया।
पोस्टमार्टम हाउस साल 2011 में सूबे के 11 जिलों में मार्डन पोस्टमार्टम हाउस बनाने का काम शुरू हुआ था।
इसमें बदायूं का नाम भी शामिल था। उद्देश्य यह था कि शवों की दुर्गति बचे। इसके साथ ही आने वाले परिजनों को बैठने समेत स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो, ताकि किसी भी मौसम की मार परिजनों को न झेलनी पड़े।
बदायूं में बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है,
लेकिन फॉर्मासिस्ट समेत स्टाफ के रवैये के चलते शव कई-कई घंटे पड़े रहते हैं। इधर, सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि स्टाफ के खिलाफ लापरवाही की शिकायत मिली है,जल्द ही इस मामले में प्रभावी कार्रवाई होगी।