गंगा एक्सप्रेस वेः यूपीडा ने गलत स्थानों पर लगा दिए थे पिलर, अब पैमाइश के साथ शुरू हुआ सुधार
गंगा एक्सप्रेस वेः यूपीडा ने गलत स्थानों पर लगा दिए थे पिलर, अब पैमाइश के साथ शुरू हुआ सुधार

गंगा एक्सप्रेस वेः यूपीडा ने गलत स्थानों पर लगा दिए थे पिलर, अब पैमाइश के साथ शुरू हुआ सुधार
जयकिशन सैनी
समर इंडिया (बदायूँ)
बदायूं। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अब जिले में नए सिरे से राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) का काम शुरू किया गया है। बदायूं से लेकर शाहजहांपुर के जलालाबाद तक नए सिरे से एक्सप्रेस-वे की सीमा को तय किया जा रहा है। दस अप्रैल को रामनवमी के दिन एक्सप्रेस-वे के लिए सदर तहसील में बिनावर थाना के तहत आने वाले गांव कुतुबपुर थरा में काम शुरू हुआ था। अगले दिन ही एक्सप्रेस-वे का विरोध होने लगा था।
एक्सप्रेस-वे बिसौली के 38, दातागंज के 27, बदायूं के 18 और बिल्सी के दो गांवों से होकर गुजरेगा। इसके लिए 85 गांवों में 1059.3538 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। बदायूं जिले की चार तहसीलों के 85 गांवों से होकर एक्सप्रेस-वे बदायूं में 95 किमी दूरी तय करेगा। छह लेन चौड़े और आठ लेन में विस्तारित गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए दस अप्रैल को रामनवमी के दिन से कार्यदायी संस्था एसजी इंफ्रा लिमिटेड इंजीनियरिंग लिमिटेड ने यूपीडा के निर्देशानुसार काम शुरू किया था। पहले दिन बिनावर के गांव कुतुबपुरथरा में भूमि समतलीकरण का काम शुरू किया गया। अगले दिन से ही यहां किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद दातागंज और बिसौली तहसील के गांवों में भी विरोध हुआ।
दरअसल, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने जिन स्थानों को चिह्नित करने के बाद काम शुरू कराया था वे गलत स्थान थे। जिन किसानों की जमीनों को एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहीत ही नहीं किया गया गया वहां भी पिलर लगवाने के बाद समतलीकरण शुरू करा दिया गया।
तहसील सदर, दातागंज और बिसौली के गांवों में कई ऐसे मामले भी सामने आए जहां जमीन को अधिग्रहीत कर लिया गया था, लेकिन वहां काम शुरू ही नहीं किया गया।
लगातार विरोध और किसानों की शिकायतों के बाद अब बदायूं से लेकर शाहजहांपुर के जलालाबाद तक एक्सप्रेस-वे के लिए नए सिरे से आरओडब्ल्यू किया जा रहा है। यूपीडा के साथ राजस्व विभाग और एसजी इंफ्रा लिमिटेड इंजीनियरिंग लिमिटेड के अधिकारी गलती में सुधार कर रहे हैं।
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि समतलीकरण का काम दस अप्रैल को बिनावर से शुरू हुआ। अगले दिन से ही यहां विरोध भी शुरू हो गया। बिनावर क्षेत्र के गांव कुतुबपुर थरा, पलिया झंडा, मोहम्मदपुर में विरोध किया गया, इसके बाद काम दातागंज के गांव डहरपुर कलां, धमी पट्टी, नगरिया खनू और बिहारीपुर में भी किसानों ने काम रुकवा दिया। किसानों का आरोप था कि बिना भूमि अधिग्रहण और मुआवजा के समतलीकरण कराया जा रहा है। कार्यदायी संस्था ने इसके बाद बिसौली तहसील के वजीरगंज क्षेत्र में आने वाले गांवों में काम शुरू किया। यहां रोठा, करकटपुर, पस्तोर और निनमा में किसानों ने काम रुकवा दिया। इसके बाद मामला गरमाया और जिले भर में राजस्व टीमों की गठन कर पैमाइश शुरू की गई तब मालूम हुआ कि यूपीडा की चूक के कारण गलत स्थानों पिलर लगा दिए गए हैं। अब इसे सुधारने का शुरू किया गया है।
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि समतलीकरण का कई स्थानों पर किसानों ने विरोध किया था। यूपीडा समेत प्रशासनिक अधिकारियों को इस बारे में लगातार सूचित किया गया। पैमाइश के दौरान मालूम हुआ है कि गलत स्थानों पर पिलर लगा दिए गए थे। अब एक्सप्रेस-वे के लिए राजस्व टीमों के साथ मिलकर बदायूं से लेकर शाहजहांपुर के जलालाबाद तक आरओडब्ल्यू का काम शुरू किया गया है।
-विनोद तिवारी, सर्वेयर, एसजी इंफ्रा लिमिटेड इंजीनियरिंग लिमिटेड